आशीष के परिजनों का आरोप था कि सारे सबूत देने के बाद भी पुलिस एफआइआर तक नहीं कर रही है। वह एक-एक कर रोज बयान लेकर समय बिता रही है, पांच दिन हो गए, लेकिन एफआइआर तक नहीं हो पाई। इस पर कोतवाली पुुलिस का कहना था कि यह मामला जीआरपी का है, यदि थाने वाले नहीं सुन रहे हैं तो वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाएं। यहां से वापस होकर जब आशीष के परिजन जीआरपी थाने पहुंचे तो वहां हंगामा हो गया। एफआइआर दर्ज कराने के लिए बार-बार कहा गया, इस पर थाना प्रभारी ने बैठकर अपनी बात बताने को कहा। काफी देर तक यही चलता रहा, इस दौरान मृतक के पिता, बच्चे, भाई, भतीजी, भांजे आदि न्याय की गुहार लगाते रहे। बाद में मृतक के भांजे अनमोल गुप्ता ने बताया कि काफी देर तक माथापच्ची के बाद भी एफआइआर दर्ज न कर जीआरपी एसपी का हवाला दिया गया। इस पर हमने भोपाल में रह रहे अपने परिजनों को जीआरपी एसपी के पास भेजा है। जबकि शेष परिजन विदिशा जीआरपी थाने में ही मौजूद हैं।
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पूरा प्रतिवेदन बनाकर एसपी रेल को भेजा जा रहा है। वहां से जो निर्देश आएंगे उसी अनुसार कार्य करेंगे। नेटवर्क प्राब्लम के कारण दिक्कत आ रही है।
-सुरेश हातेकर, थाना प्रभारी जीआरपी विदिशा