शव कभी रेफर नहीं किया जाता- डीन शासकीय मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ सुनील नंदीश्वर ने इस बारे में शासन और स्वास्थ्य विभाग के नियमों का हवाला देते हुए बताया कि शव को कभी रेफर नहीं किया जाता। यदि शव जिला अस्पताल में सीधे आया है तो वहां के चिकित्सकों की जिम्मेदारी उसका वहीं पोस्टमार्टम करने की है। यदि किसी कारण वे नहीं कर पा रहे हैं या किसी मामले में उन्हें जटिलता लगती है तो वे मेडिकल कॉलेज से इसके लिए लिख सकते हैं, हमारे विशेषज्ञ वहां जाकर पोस्टमार्टम करेंगे लेकिन इस दौरान जिला चिकित्सालय के उस डॉक्टर को भी मौजूद रहना होगा जिसने शव रिसीव किया था। इसके अतिरिक्त यदि मेडिकल कॉलेज में ही पोस्टमार्टम कराना है तो जिला चिकित्सालय में बॉडी को रिसीव करने वाले चिकित्सक को मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के समय मौजूद रहना होगा, जिससे वे विशेषज्ञों के काम को देख-समझ सकें। लेकिन किसी भी दशा में शव को रेफर नहीं किया जा सकता।
— वर्जन… मृत अवस्था में ही युवक को लाया गया था। संभवत: उसके सिर और सीने में गंभीर चोट थी। पोस्टमार्टम के लिए उसे मेडिकल कॉलेज भेजा था, लेकिन जब वहां शव को लेने से इंकार कर दिया तो हमने उसे जिला अस्पताल में ही रख लिया। सुबह पोस्टमार्टम करेंगे। दरअसल जब मेडिकल कॉलेज का अस्पताल चालू है तो पोस्टमार्टम तो वहीं होना चाहिए, क्योंकि उनके पास फॉरेंसिक एक्सर्ट भी हैं। लेकिन पता नहीं वे लोग क्यों बचते हैं।
-डॉ आरके साहू, चिकित्सक जिला चिकित्सालय विदिशा ——–