मालूम हो कि शहर में 2017 में अमृत योजना के तहत सीवेज लाइन का यह प्रोजेक्ट आया था वर्ष 2019 में पूरा हो चुका है। इसमें 26 हजार घरों के कनेक्शन होना है। इसमें से अभी तक 18 हजार घरों में कनेक्शन किए जा चुके और अब इन कनेक्शनों के लिए राशि वसूलने के लिए घरों में तीन हजार रुपए के बिल भेजे जा रहे हैं। अरिहंत विहार निवासी शंकरसिंह कुशवाह का कहना है कि कनेक्शन के दौरान इस तरह राशि के संबंध में कुछ नहीं बताया गया था।
वसूली के लिए भेजे जा रहे नोटिस
अब 3000 रुपए वसूली के नोटिस दिए जा रहे। उनका कहना है यह राशि बहुत अधिक है सामान्य लोगों को इतनी अधिक राशि जमा करना संभव नहीं होगा और इस बिल के बाद प्रतिमाह सेवा प्रभार भी जनता पर लगाया जाएगा। संपत्तिकर, जलकर और सीवेज का प्रभार और जमा नहीं करने पर अधिभार इससे लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएगी। उनका कहना है कि सीवेज कनेक्शन की यह राशि बहुत अधिक है। इसे कम किया जाना चाहिए।
10 किमी तक हो चुका शहर का विस्तार, बेतवा में जा रहा गंदा पानी
जानकारी के अनुसार, अमृत योजना के तहत इस 98 करोड़ केे इस प्रोजेक्ट का मकसद बेतवा नदी में नाले-नालियों का पानी मिलने से रोकना था। इसके अलावा इस योजना के बाद नालियों में पानी भी नहीं रहने की बात कही गई थी,क्योंकि सीवेज कनेक्शन में घरों का निस्तारी पानी, किचन का पानी एवं सीवेज इन तीनों पाइपलाइन को सीवरेज कनेक्शन से जोड़ा जाना था लेकिन नदी में नालों का पानी मिलने से नहीं रुक सका है वहीं नालियां भी गंदे पानी और कीचड़ से ठसाठस है। इसमें अभी 26 हजार कनेक्शन जुडऩा है जबकि शहर का विस्तार 10 किमी तक हो चुका और कई क्षेत्र अभी भी सीवेज लाइन से नहीं जुड़े हैं और उनका सीवेज व निस्तारी पानी नाले-नालियों के सहारे नदी में ही जा रहा है।
1500 बिल तैयार, 700 का वितरण
नपा से मिली जानकारी के मुताबिक, सीवेज लाइन कनेक्शन केे करीब 1500 बिल तैयार हो चुके। इनमें अब तक 700 बिलों का वितरण किया जा चुका और इनमें से अभी तक 130 कनेक्शनों की करीब 3 लाख 90 हजार की राशि जमा भी हो चुकी है। नपा कर्मचारियों के मुताबिक सीवेज लाइन प्रोजेक्ट करीब 98 करोड़ 25 लाख का है। इसके संचालन, देखरेख एवं बिजली बिल आदि का बड़ा खर्चहै। इसके सुचारू संचालन के तहत बिल राशि तय है एवं सेवा प्रभार भी लिया जाएगा।सेवा प्रभार की राशि अभी तय नहीं हुई है।
कनेक्शन राशि के संबंध में परिषद की बैठक के दौरान प्रस्ताव आया था जिसका मैंने स्वयं विरोध किया और फिर इस विषय को हटा भी दिया गया था। परिषद रहने तक मुफ्त कनेक्शन होते रहे और अब 3000 रुपए प्रति कनेक्शन वसूल किए जा रहे जो जनता के साथ धोखा है।
-राजेश नेमा, नेता प्रतिपक्ष, पूर्वनगरपालिका परिषद
शहर के लिए यह योजना अत्यंत महत्वपूर्ण है।योजना के सुचारू संचालन में खर्च भी अधिक आएगा। अभी 10 वर्ष कंपनी को रखरखाव करना है। जब सभी कनेक्शन इस सिस्टम से जुड़ जाएंगे तो नाले नालियां गंदे पानी से मुक्त रहेंगे। यह सिस्टम आगामी 30 वर्ष के लिए तैयार किया गया है।
-अशोक राय, इंजीनियर, नगर पालिका