scriptPrimary, secondary schools craving the needs in the district | जिले में जरुरतों को तरसते प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल | Patrika News

जिले में जरुरतों को तरसते प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल

locationविदिशाPublished: Oct 27, 2022 12:15:16 am

Submitted by:

Bhupendra malviya

आकस्मिक निधि मिल रही, न बाढ़ से क्षतिग्रस्त स्कूलों को सुधार के लिए राशि

जिले में जरुरतों को तरसते प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल
जिले में जरुरतों को तरसते प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल
विदिशा। जिले में शासकीय प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों की हालत ठीक नहीं है। यह स्कूल पहले से ही असुविधाओ से जूझ रहे थे और अब कुछ माह पूर्व हुई अतिवर्षा इन स्कूलों की हालत को और खराब कर गई, लेकिन इन स्कूल भवनों में सुधार और सुविधाओं में विस्तार के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। पूर्व की तरह हर वर्ष मिलने वाली आकस्मिक राशि से यह सभी स्कूल मोहताज है और बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए स्कूलों की मरम्मत के लिए भी किसी तरह की राशि अब तक नहीं मिल पाई है और स्कूल अपनी जरूरतों के लिए तरस रहे हैं।
मालूम हो कि जिले में प्राथमिक बच्चों के लिए 1804 भवन और माध्यमिक बच्चों के लिए 773 भवन हैं, लेकिन इन स्कूल भवनों को आकस्मिक निधि न मिलने यह स्कूल मरम्मत रंगाई, पुताई को तरस रहे हैं। एक वर्ष से इन स्कूलों के पास राशि नहीं है। इसलिए स्कूल के कई जरूरी कार्य नहीं हो पाए। वहीं इस वर्ष शिक्षा सत्र बीते करीब चार माह गुजर गए पर स्कूलों को राशि नहीं मिल पाई है। वहीं पिछले दो माह पूर्व हुई अति वर्षा एवं बाढ़ ने इन स्कूलों की हालत और खराब कर दी, लेकिन इन शासकीय स्कूलों की जर्जर िस्थति पर न तो जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे और न शासन स्तर पर कोई ध्यान दिया जा रहा जबकि इन हालातों के रहते न केवल स्कूली विद्यार्थी बल्कि प्रधानाध्यापक व शिक्षक भी असुविधाओं व जरूरतों की पूर्ति न होने से समस्याओं से जूझ रहे हैं।

इस मान से मिलती आकस्मिक निधि

मिली जानकारी के अनुसार स्कूलों में आवश्यक जरूरतों की पूर्ति के लिए विद्यार्थियों की संख्या के मान से आकस्मिक निधि मिलती है। इसमें स्कूल में छात्र संख्या 1 से 30 तक 10 हजार रुपए की राशि, छात्र संख्या 31 से 100 तक होने पर स्कूल को 25000 हजार , छात्रसंख्या 101 से 250 तक में 50000, छात्रसंख्या 251 से 1000 तक में 75000 हजार एवं 1000 से अधिक छात्र संख्या वाले स्कूल को 1 लाख रुपए तक आकस्मिक निधि का भुगतान होता है। इसमें शालाएं स्कूल की रंगाई पुताई, सफाई, शिक्षण सामग्री, स्टेशनरी आदि की पूर्ति करते हैं, लेकिन स्कूल में पिछलें एक वर्ष से इस निधि का एक भी पैसा नहीं और स्टेशनरी सहित छोटे-छोटे कार्यों व खरीदी के लिए शिक्षकों को अपनी जेब टटोलनी पड़ रही है।
701 स्कूल क्षतिग्रस्त, 24 करोड़ की डिमांड पर नहीं मिली राशि
इसी तरह जिले में बारिश से 701 क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इनमें 67 स्कूल पूरी तरह क्षतिग्रस्त होना माने जा रहे हैं। इन स्कूलों अतिरिक्त कक्ष एवं अन्य स्कूलों के जरिए संचालित करना पड़ रहा है। बारिश के दौरान कई दिनों तक कुछ स्कूल बाढ़ की चपेट में रहे। फर्नीचर, फर्स, स्कूल के प्रशाधन, स्कूल में इलेक्ट्रानिक्स उपकरण, खेल सामग्री, शिक्षण सामग्री आदि सभी कुछ नष्ट हो गया, नुकसान का आकलन करीब 24 करोड़ की राशि का हुआ। डिमांड भेजी गई लेकिन बारिश गुजरे दो माह बीत गए पर स्कूल मरम्मत आदि के लिए किसी तरह की राशि उपलब्ध नहीं हो पाई है।

बारिश से इतने स्कूल पूर्ण क्षतिग्रस्त जिन्हें मरम्मत की जरूरत

बासौदा-6
ग्यारसपुर-14

कुरवाई-2
लटेरी-22

नटेरन-3
सिरोंज-12

विदिशा-6
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कुल -67
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वर्जन
आकस्मिक निधि के लिए वर्चुअल एकांट बनाए जा रहे हैं। इस कारण इस राशि में देरी हो रही है। इस माह के अंत तक आकस्मिक निधि मिलने की उम्मीद है।

-लक्ष्मण यादव, बीआरसी, विदिशा
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आकस्मिक निधि एवं बाढ़ से प्रभावित स्कूलों की मरम्मत के लिए अभी राशि नहीं मिली है। अभी आवश्यक जरूरतों की पूर्ति शाला स्तर पर ही प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों को अपने स्तर पर ही करना पड़ रही है।
-एसपीसिंह जाटव, डीपीसी

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