परिवार पालने बेच रहे नमकीन, पापड़
बेरोजगारी नमकीन और पापड़ सेंटर नाम से ठेला लगाने वाले युवक का नाम राजेश अहिरवार है। राजेश लटेरी तहसील के आनंदपुर गांव के रहने वाले हैं। राजेश एमए करने के साथ ही डीएड किए हुए हैं और कुछ अन्य डिग्रियां भी हैं। राजेश ने बताया कि वह करीब 2012 से आनंदपुर में एक निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में पदस्थ थे लेकिन कोरोना में स्कूल बंद होने के साथ ही नौकरी भी चली गई ऐसे में परिवार के भरण-पोषण की समस्या खड़ी हो गई। राजेश के परिवार में माता-पिता, पत्नी और दो बेटियां हैं जिनके पालन पोषण की पूरी जिम्मेदारी राजेश के ऊपर ही थी। राजेश बताते हैं कि नौकरी जाने के बाद रोजगार की तलाश में उन्होंने कई जगह प्रयास किया पर जब कहीं पर भी नौकरी नहीं मिली तो वो करीब तीन माह पूर्व लटेरी आ गए। लेकिन यहां भी कुछ काम नहीं मिलने पर उन्होंने लटेरी में तहसील के पास ठेला पर नमकीन और पापड़ आदि बेचने का काम शुरु किया। जिसको उन्होंने नाम ‘ भारतीय बेरोजगारी नमकीन एवं पापड़ सेंटर ऱखा । यह नाम उहोंने ठेले पर फ्लेस पर लिखवाया है। वहीं फ्लेस पर ठेला के नाम के साथ ही कुछ स्लोगन लिखे हैं, जो वहां से निकलने वाले बगैर पढ़े नहीं रह पाते। ‘ठेले पर लगे फ्लेस पर लिखा है कि ‘पढ़े लिखे हैं, तो या हुआ नौकरी कोसों दूर, अनपढ़ यहां बने नेता मौज करें भरपूर’। राजेश अच्छे पेंटर भी हैं अपने ठेले पर उन्होंने अपनी इस प्रतिभा का भी जिक्र किया है।