विधी प्रकोष्ठ प्रभारी दीपक श्रीवास्तन ने बताया कि फोरम में सुबह 10 बजे से लेकर शाम तक कुल 18 आवेदन आए। इनमें से ज्यादातर मामले आंकलित खपत के बिल संबंधी रहे। उपभोक्ताओं ने बताया कि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उन्हें आंकलित खपत के बिल दिए जा रहे हैं। जबकि मीटर में कम रीडिंग रहती है। इसी प्रकार ग्राम हिनौतिया के देवेंद्रसिंह ने बताया कि अनुदान योजना के तहत उन्होंने अक्टूबर 2018 में विद्युत लाइन डलवाई थी, जो जनवरी 2018 में खम्बे गिरने और हवा आदि के कारण टूट गई। जिसे चालू करवाने के लिए वे तब से ही कंपनी के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हुआ।
जिस पर फोरम अध्यक्ष ने मामले की जांच करवाकर तत्काल लाइन डालने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। इसी प्रकार कागदीपुरा निवासी चंद्रप्रकाश राय ने बताया कि दो साल से उनकी दुकान बंद हैं और भारीभरकम बिजली बिल बराबर आ रहे हैं। जिस पर अध्यक्ष ने मामले की जांच के निर्देश दिए। इस दौरान कंपनी के महाप्रबंधक जोसके पुंजा, उप महाप्रबंधक अंकुर सेठ सहित अन्य अधिकरी-कर्मचारी मौजूद रहे।
कुटीर के लिए सौंपा ज्ञापन
नटेरन तहसील के ग्राम पंचायत रिनिया के ग्रामीण मंगलवार को कलेक्ट्रेट आए और यहां प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में कहा गया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुटीर दिलाई जाए। ग्रामीणों ने बताया कि करीब 30 से अधिक अहिरवार समाज के परिवार के लोग मेहनत-मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। रहने के लिए घर नहीं है, कोई किराए से तो कोई झोपड़पट्टी बनाकर रहता है। इसलिए योजना के तहत उन्हें कुटीर का लाभ दिलवाया जाए। जिससे उनका भी अपना आशियाना हो सके। इस दौरान लालाराम अहिरवार, रामसिंह, निर्भयसिंह, रामचरण, थानसिंह, कैलाश सिंह, माखन, मौजीलाल, गप्पूलाल और अमानसिंह अहिरवार आदि शामिल रहे।