scriptआंगनवाड़ी केंद्रों पर पिलाई जा रही दो बूंद जिंदगी की… | Pulse polio campaign in madhya pradesh 11march 2018 | Patrika News
विदिशा

आंगनवाड़ी केंद्रों पर पिलाई जा रही दो बूंद जिंदगी की…

पांच साल तक के बच्चों को सुबह 8 बजे से दी जा रही हैं दवा की दो बूंदें…

विदिशाMar 11, 2018 / 02:12 pm

दीपेश तिवारी

pulse polio
विदिशा@गोविंद सक्सैना की रिपोर्ट…

पल्स पोलियाे अभियान का दूसरा चरण रविवार यानि 11 मार्च से शुरू हुआ। अभियान के तहत सुबह 8 बजे से आंगनवाड़ी केंद्रों पर दो बूंद जिंदगी की पिलाई जा रही है। अभियान की शुरुआत सीएमएचओ डॉ. शशि ठाकुर ने की।
इसके अलावा अन्य जिलों में भी आज बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा रही है। दरअसल रविवार को पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत हुई। जिसके तहत पांच वर्ष तक के बच्चों को जिंदगी की दो बूंद पिलाई गई। वहीं कुछ जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल के चलते परेशानियां भी सामने आईं।
रविवार को बूथों पर और अगले दो दिन घर-घर पहुंचकर पोलियो दवा पिलाई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने पूर्व में ही अभियान को सफल बनाने के लिए तैयारियां पूरी कर ली थी।

11 मार्च को रविवार सुबह 8 से शाम 5 बजे तक बूथों पर पांच साल तक के बच्चों को दवा पिलाई जाएगी। वहीं सोमवार और मंगलवार को घर-घर दस्तक दी जाएगी।
इस अभियान का पहला चरण 28 जनवरी को पूरा हुआ था। पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए शनिवार को शहर और गांवों में दवा पिलाने के लिए लोगों को जागरूक किया गया।

पल्स पोलियो अभियान…
पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान भारत ने डब्‍ल्‍यूएचओ वैश्विक पोलियो उन्‍मूलन प्रयास के परिणाम स्‍वरूप 1995 में पल्‍स पोलियो टीकाकरण (पीपीआई) कार्यक्रम आरंभ किया गया।
इस कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष से कम आयु के सभी बच्‍चों को पोलियो समाप्‍त होने तक हर वर्ष दिसंबर और जनवरी माह में ओरल पोलियो टीके (ओपीवी) की दो खुराकें दी जाती हैं।
सामने आई जानकारियों के अनुसार यह अभियान काफी हद तक सफल सिद्ध हुआ और भारत में पोलियो माइलिटिस की दर में काफी कमी आई है।

2009 के दौरान हाल ही में भारत में विश्‍व के पोलियो के मामलों का उच्‍चतम भार (741) था, यहां तीन अन्‍य महामारियों से पीडित देशों की संख्‍या से अधिक मामले थे।
यह टीका बच्‍चों तक पहुंचाने के असाधारण उपाय अपनाने से भारत में पश्चिम बंगाल राज्‍य की एक दो वर्षीय बालिका के अलावा कोई अन्‍य मामला नहीं देखा गया।

कहा जाता है कि पोलियो उन्‍मूलन के प्रयास देश में सर्वाधिक मान्‍यता प्राप्‍त ब्रांड हैं, जिसमें फिल्‍म उद्योग के चर्चित सितारे जनता को संदेश देते हैं, वहीं माना जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन का प्रयास एक वरदान सिद्ध हुआ है।
सरकार को तकनीकी और रसद संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए 1997 में राष्‍ट्रीय पोलियो निगरानी परियोजना आरंभ की गई और अब यह राज्‍य सरकारों के साथ नजदीकी से कार्य करती है।

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