विदिशा मेडिकल कॉलेज में एडवांस तकनीक से पेट में कैमरे डाल दो गाल ब्लैडर निकाले
विदिशाPublished: Nov 27, 2021 11:56:56 am
एडवांस लेप्रोस्कोपिक पद्यति से हुए जटिल ऑपरेशन
विदिशा मेडिकल कॉलेज में एडवांस तकनीक से पेट में कैमरे डाल दो गाल ब्लैडर निकाले
विदिशा. मेडिकल कॉलेज बन गया, अब मरीजों का बाहर जाना कब बंद होगा? बड़े ऑपरेशन यहां कब होंगे? ये सवाल कई दिनों से सबके मन में थे। लेकिन शुक्रवार को एक साथ दो ऐसे ऑपरेशन हुए जो एडवांस लेप्रोस्कोपिक पद्यति से हुए और उनमें मरीजों के पित्ताशय यानी गॉल ब्लैडर निकाल दिए गए। ये दोनों मरीज पित्ताशय की पथरियों से बहुत परेशान थे। एक के पित्ताशय से 1.7 सेमी की पथरी तो दूसरे के पित्ताशय से छोटी-छोटी 20 पथरियां निकलीं। दोनों ही मरीजों की हालत अब ठीक है। ये ऑपरेशन मरीजों के पेट में कैमरे डालकर किए गए। बड़ी बात यह भी है कि इनमेें से एक ऑपरेशन भोपाल से आए मरीज का हुआ। यानी विदिशा से भोपाल जाने की बजाय अब भोपाल के पीडि़त का ऑपरेशन विदिशा में हुआ है।
ऑपरेशन करने वाली टीम के मुखिया सर्जन डॉ परमहंस ने बताया कि करीब हफ्ते भर पहले ही दोनों मरीजों ने कॉलेज के अस्पताल में जांच कराई थी और हमने नए आए उपकरणों और दूरबीनों का उपयोग शुरू करने की मंशा से त्वरित उपचार शुरू किया। शुक्रवार को मैंने अपने साथी डॉ. इशांत चौरसिया, डॉ. आयान शर्मा तथा डॉ गोविंद कुशवाह के साथ ही एनेस्थीशिया की टीम के डॉ विनायक गौर, सेवरत और अमित के साथ मिलकर ये दो ऑपरेशन शुरू किए।
पेट में भरी गैस और डाला कैमरा
डॉ परमहंस के अनुसार ऑपरेशन थिएटर में सबसे पहले मरीज के पेट में कार्बनडाइऑक्साइड भरकर उसे फुलाया गया और फिर उसमें विशेष प्रकार के कैमरे डाले गए। इन कैमरों का डिसप्ले ऑपरेशन थिएटर में बड़ी स्क्रीन पर होता रहा और उसी अनुसार हम ऑपरेशन करते रहे। करीब सवा घंटे में एक ऑपरेशन हुआ। एक ऑपरेशन में मरीज के पित्ताशय से 1.7 सेमी की पथरी निकली, जबकि दूसरे में छोटी-छोटी 18-20 पथरियां थीं। दोनों के गॉल ब्लैडर निकाल दिए गए हैं। यदि गॉल ब्लैडर नहीं निकालते तो कुछ दिनों बाद उनमें संक्रमण बढऩे और उनके सडऩे की आशंका थी। अब मरीज पूरी तरह सामान्य जीवन जी सकेंगे। विदिशा में इस तरह का ये पहला ऑपरेशन है।