मौसम के इस बदलाव का सबसे ज्यादा असर खेत-खलिहानों में कटकर रखी फसल और मंडी तथा समर्थन मूल्य के खरीदी केंद्रों पर अपना गेहूं लेकर आए किसानों और उनके अनाज पर पड़ा। हालांकि बदले मौसम को देखते हुए अधिकांश किसानों ने अपनी ट्रॉलियों को ढंकने का इंतजाम आनन-फानन में कर लिया, फिर भी कई किसान ये इंतजाम नहीं कर सके और उनका अनाज भींग गया, जबकि खरीदी केंद्रों पर सुरक्षा के नाकाफी इंतजामों का असर साफ दिखा और हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया, इसी तरह खेतों में खड़ी फसल और चल रही थ्रेसिंग के अनाज को नुकसान हुआ है।
इससे गेहूं की चमक कम हो जाएगी और उसके दाम किसानों को कम मिलेंगे। उधर पाइप लाइन, सीवेज लाइन बिछाने के लिए अधिकांश शहर के मोहल्लों की गलियां और कई मुख्य मार्ग भी खुदे पड़े हैं। सड़कों और गलियों का निर्माण न होने से जरा सी बारिश में इन मोहल्लों में निकलना दूभर हो गया। भारी कीचड़ के कारण दोपहिया वाहन और पैदल निकलने में भी लोगों को भारी परेशानी उठाना पड़ रही है। इससे पहले दिन में भारी तपन रही और रास्ते भीषण ध्ूाप के कारण सुनसान रहे। तेज गर्मी के कारण इन दिनों दोपहर के समय जरूरत मंद लोग ही बाहर निकल रहे हैं।