अलाव जलाकर तापते नजर आए लोग, सुहाना हुआ मौसम
जहां कुछ लोगों के लिए ठंड कहर बनकर बरस रही है, वहीं कुछ लोग ठंड का अपने तरीके से मजा ले रहे हैं, लोग घर में बैठकर गर्मागर्म विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का लुत्फ लेने के साथ ही मौसम के कारण बदलते प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद ले रहे हैं, शहर, गांव हर जगह इन दिनों प्राकृतिक नजारे काफी आकर्षक नजर आ रहे हैं।
किसान ठंड से बचते नजर आए
मंगलवार की अलसुबह अचानक मौसम बदला और सुबह 7.30 बजते-बजते तेज हवाओं और बादलों की गर्जन के बीच अंधेरा सा छा गया और देखते ही देखते बारिश होने लगी। अचानक हुई इस बारिश से खेतों में बढ़ रही फसल को नया जीवन मिला और जिन फसलों को अब तक किसानों ने पानी नहीं दिया था उनमें भी अमृत बनकर ये पानी पहुंचा, लेकिन जल्दी नीलामी की आस में रात को ही मंडी में अपना अनाज ले कर आए किसानों का अनाज इस बारिश में भीग गया। तेज हवा और पानी इन किसानों पर आफत बनकर बरसी।
नहीं हो रही सूर्य देव के दर्शन
बारिश शुरू होते ही जैसे पूरे शहर में अंधेरा सा छा गया। सुबह के 8 बजे भी वाहनों को हेडलाइट जलाकर ही चलना पड़ा। तेज हवाओं से कई जगह पेड़ों की डालियां टूट गईं। सबसे ज्यादा परेशानी अनाज मंडी में अपनी उपज लेकर आए किसानों को हुई। वे अचानक आए इस प्रकोप से अपनी उपज को बचाने के लिए जतन करते रहे। पॉलीथिन से अनाज ढंका तो पॉलीथिन फट या उड़ गया। कुछ नहीं ढंक पाए तो उनका अनाज बुरी तरह भीग गया, ऐसे में वे उसे बचाने के लिए परेशान होते रहे। करीब 15-20 मिनट बाद ही बारिश तो थम गई लेकिन सूर्य नहीं निकला और पूरा माहौल तेज सर्दी की चपेट में आ गया।
16 किमी की रफ्तार से चल रही हवाएं
मौसम विज्ञान केंद्र सीहोर के एसएस तोमर का कहना है कि अभी उत्तर-पूर्व और पूर्व दिशा से हवा चल रही हैं, जिसकी गति 11 से 16 किमी प्रति घंटे है। ये हवाएं रुकेंगी तो कोहरा पड़ेगा, लेकिन पाले की आशंका नहीं है। दो दिन के अंतराल के बाद फिर 1-2 जनवरी को बारिश की आशंका है। इससे उपज बढ़ेगी ।
दिन भर अंधेरा सा छाया रहा और कड़ाके की सर्दी रही। इसका असर बाजार और सड़क चौराहों पर भी साफदिखाई दिया। जो लोग निकले वे भी सोमवार की तुलना में कहीं ज्यादा गर्म कपड़ों से लिपटे हुए निकले। न्यूनतम तापमान 12.5 और न्यूनतम 22.5 रहा।सर्द हवाएं रुकेंगी तो कोहरा पड़ेगा।
यह बारिश फसलों के लिए अमृत का काम करेगी। अभी और बारिश की संभावना जताई जा रही है। जिन खेतों को अभी तक पानी नहीं दिया गया था, उनमें कारगर रहेगी। इससे उपज का प्रतिशत बढ़ जाएगा।
-पीके चौकसे, उपसंचालक, कृषि