विदिशा

शासकीय कॉलेजों में कमजोर विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने लगेंगी री-मेडियल कक्षाएं

एक अक्टूबर से शुरु होंगीं कक्षाएं

विदिशाSep 15, 2019 / 11:49 am

Anil kumar soni

विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत शासकीय कॉलेजों में अध्यनरत कमजोर छात्राओं की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए एक क्टूबर से रीमेडियल कक्षाएं शुरु की जा रही हैं।

विदिशा। विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत शासकीय कॉलेजों में अध्यनरत कमजोर छात्राओं की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए एक क्टूबर से रीमेडियल कक्षाएं शुरु की जा रही हैं। मालूम हो कि गत वर्ष शासकीय गल्र्स कॉलेज को पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया था और इसमें रीमेडियल कक्षाएं लगाई गईं थीं। जिसकी सफलता को देखते हुए जिले के अन्य शासकीय कॉलेजों में इस साल से विश्व बैंक परियोजना के तहत रीमेडियल कक्षाएं लगाई जाएंगीं। जिसके तहत शासकीय कॉलेज में स्नातक में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के साथ ही द्वितीय, तृतीय वर्ष में पढऩे वाले विद्यार्थियों के साथ ही अन्य कक्षाओं में अध्यनरत कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा।

एक क्लास में रहेंगे 50 विद्यार्थी
शासकीय नवीन कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार नियमित कक्षाओं के अलावा एक घंटे की रीमेडियल कक्षाएं लगेंगीं। जिसमें अधिकतम 50 विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। इन कक्षाओं में एससीएसटी वर्ग के 55 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थी तथा सामान्य और ओबीसी के 40 से 42 प्रतिशत अंक लाने वाले विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा।

अंतिम वर्ष के बच्चों की होगी काउंसलिंग
कॉलेजों में पढऩे वाले स्नातक और स्नात्कोत्तर कक्षाओं के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की करियर काउंसलिंग भी विश्व बैंक परियोजना के तहत की जाएगी। जिसके तहत शासकीय सेवा में जाने वाले विद्यार्थियों को उसके संबंध में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। एक्सपर्ट को बुलवाकर कॉलेज में लेक्चर होगा। उन्हें तैयारी के लिए बकायदा प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं जो विद्यार्थियों उद्योग आदि में रुचि रखते हों उनके लिए उद्योगपतियों आदि से मिलवाया जाएगा। स्वरोजगार संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इनका कहना है
विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत विभिन्न कक्षाओं में अध्यनरत कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए एक अक्टूबर से रीमेडियल कक्षाएं लगाई जाएंगीं।
– डीएन श्रीवास्तव, प्राचार्य, शासकीय नवीन कॉलेज, विदिशा

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