scriptबड़े उद्योगों के लिए रेड कार्पेट, छोटों के लिए रेट तक कम नहीं | Red carpet for big industries, not even less for small ones | Patrika News

बड़े उद्योगों के लिए रेड कार्पेट, छोटों के लिए रेट तक कम नहीं

locationविदिशाPublished: Oct 12, 2021 09:45:42 pm

Submitted by:

govind saxena

जंबार-बागरी औद्योगिक क्षेत्र का फैसला अटका रखा है सरकार ने

बड़े उद्योगों के लिए रेड कार्पेट, छोटों के लिए रेट तक कम नहीं

बड़े उद्योगों के लिए रेड कार्पेट, छोटों के लिए रेट तक कम नहीं

विदिशा. प्रदेश में बड़े उद्योग धंधों के लिए सरकार हर सुविधा देने को तैयार है। उद्योगपतियों के लिए लाल कालीन बिछाए जा रहे हैं, लेकिन खुद मुख्यमंत्री के क्षेत्र विदिशा के जंबार-बागरी में पांच साल पहले विकसित किए गए औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट के दामों से अधिक विकास शुल्क होने से वहां उद्योग नहीं लग पा रहे हैं। लंबे समय से यहां प्लॉट के दाम कम करने की मांग चल रही है, लेकिन निर्णय कुृछ भी नहीं हो पा रहा। नतीजा 2060 लाख रुपए की लागत से बना औद्योगिक क्षेत्र वीरान पड़ा है।
फैक्ट फाइल…
प्रोजेक्ट- जंबार बागरी औद्योगिक क्षेत्र
संचालन- औद्योगिक विकास निगम, भोपाल
नगर से दूरी-12 किमी
कुल क्षेत्रफल- 84.312 हेक्टेयर
आबंटन योग्य- 56.468 हेक्टेयर
लागत- 2060 लाख रूपए
प्लॉट संख्या-187 रूपए
प्लाट कीमत- 1050 रूपए प्रति वर्ग मीटर(विकास शुल्क सहित)
निर्माण प्रारंभ- 2014 में
निर्माण पूरा-2016 में
मौजूदा औद्योगिक क्षेत्र खतरों भरा
शहर के बीचों बीच स्थित संकरे और हानिकारक उद्योगों की भरमार को देखते हुए सरकार ने 2014 में शहर से करीब 12 किमी दूर जंबार बागरी में नए औद्यौगिक क्षेत्र का विकास शुरू किया था। मप्र औद्योगिक विकास निगम भोपाल ने हुडको से लोन लेकर करीब 2060 लाख रुपए की लागत से यहां 84 हेक्टेयर में प्लॉट, सडक़ें, बिजली ट्रांसफार्मर, पानी की टंकी और विभिन्न कामर्शियल जोन विकसित किए। लेकिन हुडको से लिया ऋण और एकेवीएन द्वारा कराए गए काम का दाम वसूलने के लिए प्लॉटों का विकास शुल्क इतना जदा रख दिया गया कि पांच वर्ष बाद भी यहां पांच उद्योग स्थापित नहीं हो सके।
यह संकट से उबरने का समय
यह संकट से उबरने का समय है, उद्योग धंधों के स्टार्टअप का समय है, प्रदेश सरकार भी ऐसा दिखावा कर रही है कि उद्योगपतियों को प्रदेश में आमंत्रित किया जाए, बड़े उद्योग लगें, लेकिन जंबार-बागरी के मामले में सब मौन हैं। यहां सिर्फ प्लॉट के दाम कम करने का मुद्दा अटका हुआ है, दाम कम करते ही यहां उद्योगों की शुरुआत हो सकती है, लेकिन इसकी पहल भी सरकार नहीं कर पा रही है।
हुडको से ऋण लेकर हुआ था विकास
मप्र औद्योगिक विकास निगम भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार हुडको से ऋण लेकर औद्योगिक क्षेत्र जंबार बागरी में फरवरी 2014 में निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जनवरी 2016 में यह काम पूरा हुआ। मेसर्स मोंटे कार्लो लिमिटेड अहमदाबाद की एजेंसी ने यह निर्माण पूरा कराया, जबकि मेसर्स मेहता एंड एसोसिएट्स इंदौर ने इस कार्य का सुपरविजन किया था।

जंबार-बागरी औद्योगिक क्षेत्र के प्लॉट्स के रेट बहुत ज्यादा हैं। लघु उद्योग भारती ने रेट कम करने की मांग की है। उम्मीद है शासन स्तर से जल्दी ही इस पर निर्णय होगा और वहां उद्योगों की शुरुआत हो पाएगी।
-प्रदीप मित्तल, अध्यक्ष लघु उद्योग भारती विदिशा

जब तक प्लॉट के रेट कम नहीं होंगे तब तक वहां उद्योगों के पहुंचने की संभावना नहीं है। वहां सरकारी दाम तो कम हैं, लेकिन विकास शुल्क बहुत ज्यादा है। सरकार या तो विकास शुल्क खत्म करे या आधा करे तो बात बन सकती है।
-शशांक भार्गव, अध्यक्ष, लघुु उद्योग संघ विदिशा

वर्जन…
दो दिन के बाद जंबार-बागरी औद्योगिक क्षेत्र में एकेवीएन के अधिकारियों के साथ जा रहा हूं। वहां मौका मुआयना देखकर हर परिस्थिति को समझूंगा और उद्योगों को वहां शुरू करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
-उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर विदिशा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो