रजिस्टर भी नहीं करते मेंटेंन
मेडिकल दुकान संचालकों द्वारा करीब 12 प्रकार की दवाओं के साथ ही कुछ अन्य दवाओं के विक्रय के लिए शिड्यूल एच-1 ड्रग रजिस्टर मेंटेंन करने के निर्देश हैं। मेडिकल एसोसिएशन द्वारा यह रजिस्टर सभी मेडिकल संचालकों को दिए भी गए हैं। लेकिन अधिकांश मेडिकल संचालक इन रजिस्टर को मेंटेंन नहीं कर रहे हैं। स्थिति यह है कि कई मेडिकल दुकानों पर तो इन रजिस्टर में एंट्री तक नहीं की गई है। जबकि इसमें लिखी दवाएं बेचने का काम जरूर धड़ल्ले से किया जा रहा है।
अन्य नियमों का भी नहीं हो रहा पालन
मेडिकल दुकान में दवाएं कांच से कवर अलमारियों में रखी होना चाहिए। लेकिन कई मेडिकल दुकानों पर तो अलमारियों में कांच तक नहीं लगे हैं और दवाओं पर सड़कों की धूल उड़कर जमती रहती है। वहीं कई मेडिकल दुकानों पर फार्मासिस्ट की बजाए अन्य दवाएं विक्रय करते हैं। जबकि नियमानुसार फार्मासिस्ट या उसकी निगरानी में ही दवाओं का विक्रय किया जाना है। कई दुकानों पर तो नाबालिग तक दवाएं बेचते दिख जाएंगे। लेकिन जिम्मेदार मौन हैं।
किराना दुकानों पर दवाओं का विक्रय
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के गली-मोहल्लों में स्थिति यह है कि धड़ल्ले से किराना दुकान संचालक तक एलोपैथी की दवाएं विक्रय कर रहे हैं। इनके पास सर्दी-जुखाम, बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द से लेकर कई तरह की दवाएं मिल जाएंगीं।
इनका कहना है
अगर कोई मेडिकल संचालक नियमों के विरुद्ध दवाओं का विक्रय कर रहा है और शिड्यूल एच-१ रजिस्टर मेंटेंन नहीं कर रहा है। तो इस संबंध में सभी को समझाईश दी जाएगी, जिससे कि अधिकारियों की जांच के दौरान आने वाली समस्याओं से बचा जा सके।
– उमेश सिंघल, नगर अध्यक्ष, मेडिकल एसोसिएशन,विदिशा
मेडिकल संचालकों द्वारा यदि शिड्यूल एच-1 रजिस्टर मेंटेंन नहीं करने के साथ ही प्रतिबंधित दवाओं को बेचा जा रहा है और नियमों की अनदेखी की जा रही है, तो मेडिकल एसोसिएशन से बात कर रजिस्टर मेंटेंन करने और नियमों का पालन करने के लिए कहा जाएगा।
– संजीव जादौन, ड्रग इंस्पेक्टर, विदिशा