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बड़ा खुलासाः समुद्र में डूबा था पूरा मध्यप्रदेश, विंध्याचल पर्वत पर मिले निशान

locationविदिशाPublished: Jul 04, 2018 10:37:14 am

Submitted by:

Manish Gite

बड़ा खुलासाः समुद्र में डूबा था पूरा मध्यप्रदेश, विंध्याचल पर्वत पर मिले निशान

Archaeological Survey of India

Archaeological Survey of India

(गोविंद सक्सेना की खास रिपोर्ट)

विदिशा. यकीन नहीं होता, लेकिन यह भू-विज्ञान की रिपोर्ट है कि विदिशा की उदयगिरी और सांची सहित पूरा विंध्याचल सदियों पहले समुद्र में समाया हुआ था। वक्त के साथ प्रकृति में भी बदलाव हुए और समुद्र सिकुड़ता गया, मिट्टी बहकर आई, समुद्र तल उथला हुआ और कालांतर में वही मिट्टी चट्टानों और पहाड़ी के रूप में बदल गई। उदयगिरी के पहाड़ करीब 5 हजार लाख वर्ष पूर्व बने हैं, जबकि डायनासोर करीब 1800 लाख वर्ष पहले ही थे।

उदयगिरी की पहाड़ी पर गुफा क्रमांक 20 के पास आर्कियोलॉजीकल सर्वे ऑफ इंडिया ने एक बोर्ड लगाया है, जिसमें उदयगिरी और सांची के भू विज्ञान का जिक्र है। भू विज्ञान के हवाले से इस बोर्ड पर लिखा गया है कि दस लाख वर्ष पूर्व यहां नदी या समुद्र था, हवा व पानी से बहकर मिट्टी समुद्रतल में जमा हो गई और ठोस होने लगी। करीब 5 लाख वर्ष पूर्व समुद्र तल की भूमि ऊपर उठ गई और विंध्याचल पर्वत श्रंखला का निर्माण हुआ। इन्हीं के साथ उदयगिरी के पहाड़ का निर्माण हुआ।

 

Archaeological Survey of India

उदयगिरी के भू विज्ञान के बारे में लिखा है कि इस पहाड़ी पर अभी भी समुद्र तल से बने पानी के निशान दिखाई देते हैं। हमने उन्हें देखने का प्रयास किया तो इसी पहाड़ी पर कई जगह पानी की लहरों के निशान बिल्कुल स्पष्ट थे। उदयगिरी के पहाड़ी 5 लाख वर्ष पूर्व बने जबकि डायनासोर 1800 लाख वर्ष पूर्व रहे हैं।

 

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट
पुरातत्ववेत्ता डॉ. नारायण व्यास कहते हैं कि विंध्याचल पर्वत श्रंखला ऐसी ही है। जब इनका निर्माण हुआ तब यहां कोई जीव नहीं थे। पानी ही पानी था, पूरा इलाका जलमग्न रहा होगा। फिर परत वाली चट्टानें बनीं, जिन्हें सेडीमेंटरी रॉक्स कहते हैं। इन चट्टानों पर अभी भी रिपल मार्क लहरों के समान दिखाई देते हैं। विदिशा की उदयगिरी, सांची, सलकनपुर, भीमबैठका की पहाडिय़ां उसी समय की हैं। यह संभव है कि पूरा मध्यभारत ही कभी जलमग्न था।

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