मालूम हो कि इस सड़क को गुणवत्तापूर्ण बनाने के निर्देश एसडीएम द्वारा विभागीय इंजीनियर को दिए गए थे, लेकिन यहां उनके निर्देशों पर भी जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया और वर्षों की मांग के बाद बनी करीब डेढ़ किमी सड़क का निर्माण घटिया स्तर का कर दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों की मांग के बाद यह सड़क बनी, लेकिन घटिया स्तर का काम होने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी सड़क बनाने से क्या फायदा, जो मात्र तीन दिन भी नहीं चल सकी। ऐसे में यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की समस्याएं जस की तस बनी है।
एसडीएम ने लगाई फटकार
मालूम हो कि इस सड़क निर्माण की जांच करने जब एसडीएम आरती यादव पहुंचीं, तो उन्होंने इस घटिया निर्माण करना पाया। जिसके चलते उन्होंने संबंधित इंजीनियर को फटकार लगाई।
जिलेभर में हैं यही हालात
मालूम हो कि चाहे शहर में हो रहे सड़क निर्माण की बात हो या तहसीलों में या फिर ग्रामीण क्षेत्रों में। अधिकांश जगह सड़क निर्माण के समय उसकी गुणवत्ता का बिलकुल ध्यान नहीं रखा जा रहा है। जिसके चलते घटिया सड़कों के निर्माण का जाल से बिछता जा रहा है। जिला मुख्यालय की ही बात करें तो पानी की पाइप लाइन और सीवर की पाइपलाइन आदि के लिए शहरभर की सड़कों को खोदने का काम करीब दो साल से चल रहा है। लेकिन पाइपलाइन डालने के बावजूद कई सड़कों की मरम्मत महीनों बाद भी नहीं की गई और यदि की भी गई, तो कहीं सड़कें धसक रहीं हैं, तो कहीं जगह-जगह गड्ढे नजर आ जाएंगे। जिसके चलते जहां वाहन चालकों का वाहन चलाना मुस्किल हो रहा है, वहीं राहगीरों का पैदल चलना भी दूभर हो गया है।
कुल मिलाकर यह है कि चाहे लोनिवि सड़क बनाए या ग्रामीण सड़क, नगरपालिका या अन्य विभाग। लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण कई जगह निर्माण एजेंसियां और ठेकेदार लापरवाही बरत रहे हैं और घटिया सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। जिसका खामियाजा सिर्फ आम जनता को भुगतना पड़ेगा।