तीन गुना wide हुई road, लाखों खर्च, नतीजा सिफर
करैयाखेड़ा चौराहा से बंटीनगर तक बनना थी सड़क पर रह गई अधूरी
विदिशा
Published: April 02, 2022 11:53:05 pm
विदिशा। शहर में विकास कार्यों के लिए नपा ने लाखों रुपए खर्च किए लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के कारण इन कार्यों को लेकर जन सुविधा का जो उद्देश्य था उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसा ही उदाहरण है पीतलमिल चौराहा जहां करैयाखेड़ा चौराहा से बंटीनगर तक करीब २ करोड़ की राशि में तीन हिस्से में सड़क का निर्माण कार्य होना था। इस कार्य में सिर्फ एक हिस्से का कार्य हो पाया और इस सड़क की चौड़ाई करीब तीन गुना तक बढ़ाई गई है। सपने यह दिखाए गए थे कि सड़क चौड़ीकरण से अतिक्रमण हटेगा, आवागमन में राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो पा रहा है। प्रशासनिक अनदेखी के कारण अतिक्रमण पहले की तरह ही सड़क पर वापस लौट आया है और आवागमन सुलभ नहीं हो पा रहा। मालूम हो कि शहर के विभिन्न चौराहों की तरह ही पीतलमिल चौराहा का चौड़ीकरण किया गया था। यहां करीब छह मीटर की सड़क से वाहनों का आवागमन होता था। यह मार्ग सागर से जुड़ा होने के कारण यात्री बसों सहित अन्य वाहनों के अलावा भारी वाहन भी इस मार्ग से निकलते हैं। इन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इस चौराहे के चौड़ीकरण एवं इस मार्ग की चौड़ाई बढ़ाने के लिए नपा करीब दो करोड़ की राशि के कार्य इस मार्ग के लिए तय किए थे। इसके तहत यह मार्ग करैयाखेड़ा से बंटीनगर तक तीन हिस्से में बनना था। करीब डेढ़ वर्ष में करैयाखेड़ा से पीतलमिल चौराहा होते हुए यह मार्ग पुराना उद्योग विभाग तक ही बन पाया है जबकि यह कार्य सागर पुलिया और बंटीनगर तक किया जाना शेष है। ६ मीटर से १८ मीटर चौड़ी की गई सड़क क्षेत्र के रहवासियों का कहना है कि इस कार्य के तहत नपा के अमले ने इस मार्ग से दर्जनों अतिक्रमण हटाए। इस चौराहा एवं मार्ग से बिजली के खंभे एवं कई ट्रांसफार्मर भी हटाए गए यहां तक कि एक मंदिर को भी शिफ्ट करना पड़ा और सड़क की चौड़ाई छह मीटर से बढ़कर 18 मीटर तक हो गई। क्षेत्र के रहवासी सहित वाहन चालकों व अन्य स्थायी दुकानदारों की उम्मीद बढ़ गई थी कि उनके घर व दुकानों के सामने से ठेले पर होने वाला व्यवसाय व अन्य अतिक्रमण हट सकेगा। धूल से मुक्ति मिलेगी और आवागमन भी सुलभ हो सकेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका है। 50 लाख खर्च कर नपा ने व्यवस्था से हटाया ध्यान सड़क के इस हिस्से का चौड़ीकरण करने में नपा द्वारा करीब ५० लाख रुपए खर्च करने के बाद करीब एक वर्ष से इस सड़क की अनदेखी हो रही है। परिणाम यह कि अब हाथ ठेले पर सब्जी-फल व अन्य सामान विक्रय करने वालों को पक्की सड़क मिल गई है। स्थायी रूप से सड़क पर टे्रक्टर-ट्रालियां खड़ी हो रही। स्थायी दुकानदारों ने भी अपनी दुकानों के बोर्ड दुकान से पांच फीट दूर रखना शुरू कर दिया है। इससे सड़क की चौड़ाई पर 50 लाख रुपए खर्च करने के बाद भी 18 मीटर की यह सड़क अतिक्रमण के कारण अब 8 मीटर में सिमट कर रह गई है। हाथ ठेलों को आरओबी के नीचे शिफ्ट करने का बना था प्लान क्षेत्र के रहवासी कमल जाटव, राधेश्याम रैकवार बताते हैं कि पूर्व कलेक्टर डॉ. पकज जैन ने इस क्षेत्र के सभी सब्जी फल ठेलों को आरओबी के नीचे शिफ्ट करने का प्लान बनाया था। इसके लिए उन्होने एवं नपा अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण कर यहां इन व्यवसायियों को बिजली, पानी की व्यवस्था के भी निर्देश दिए थे। इसके पीछे उद्देश्य यही था कि हाथ ठेलों वालों को स्थायी ठिकाना मिल जाएगा और सड़क भी अतिक्रमण से मुक्त रह सकेगी, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद जिला प्रशासन व नपा ने इस ओर कोई रुचि नहीं ली जिससे सड़क चौड़ीकरण का लाभ नागरिकों व वाहन चालकों को नहीं मिल पा रहा है। वर्जन सड़क को उसके मूल स्वरूप में लाया जाएगा। जो भी अतिक्रमण सड़क पर है उन्हें हटाया जाएगा। करैयाखेड़ा से बंटीनगर तक यह सड़क बनना है। करीब दो करोड़ का कार्य है और अभी एक हिस्सा तैयार हुआ। -अशोक राय, प्रभारी, अतिक्रमण विरोधी दस्ता, नपा ---------------------------------------------------------------

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