गौरतलब है कि खरगौन के युवक रोहित मिनोरा की नियुक्ति 12 जून 2018 को सिरोंज चिकित्सालय में रेडियोग्राफर के पद पर हुई थी। सितम्बर 2018 में उसे शमशाबाद चिकित्सालय में अटैच कर दिया गया। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यप्रणाली के चलते उसके वेतन की प्रक्रिया महीनों तक लटकाए रखी गई। अक्टूबर में यह प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन वह भी आधी अधूरी। नतीजा यह हुआ कि एक-एक कर सात माह बीत गए लेकिन रोहित को वेतन का एक रुपया तक नहीं मिल सका। घरवालों और दूसरों से पैसा मांगते-मांगते और लोगों के उलाहने सुनसुनकर थक चुके रोहित ने 5 फरवरी को अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी।
एसपी करेंगे जांच, होगी कार्रवाई
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रोहित सुसाइड मामले में तथ्यों की जांच के लिए एसपी विनायक वर्मा को कहा है। एसपी वर्मा इसकी जांच करेंगे। उधर पे रिकार्ड कोषालय पहुंचाने और प्रोन नंबर जारी होने में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा विलम्ब किए जाने पर भी कार्रवाईहोगी। कलेक्टर ने बताया कि सीएमएचओ तथा अन्य जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई होगी।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रोहित सुसाइड मामले में तथ्यों की जांच के लिए एसपी विनायक वर्मा को कहा है। एसपी वर्मा इसकी जांच करेंगे। उधर पे रिकार्ड कोषालय पहुंचाने और प्रोन नंबर जारी होने में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा विलम्ब किए जाने पर भी कार्रवाईहोगी। कलेक्टर ने बताया कि सीएमएचओ तथा अन्य जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई होगी।