मालूम हो कि पूर्व सरकार ने असंगठित श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा उनके हित संवर्धन को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना योजना लागू की थी। विधानसभा चुनाव से पूर्व लागू हुई इस योजना में हितग्राहियों को अन्य लाभ के साथ ही बड़ा फायदा बिजली बिल माफी को लेकर था। इससे इस योजना में बड़ी संख्या में हितग्राही जुड़ गए। अब कांगे्रस सरकार ने इस योजना में जुड़े हितग्राहियों की जांच शुरू कराई है। इससे शहर के सभी वार्डों में बड़ी संख्या में अपात्रों के नाम सामने आ रहे और यह नाम हटाया जाना शुरू हो गया है।
जुड़े थे 31 हजार हितग्राही
इस योजना के शुरुआती दौर में नपा कार्यालय में संबल योजना में जुडऩे के लिए हर दिन लोगों की भीड़ उमड़ रही थी। बिना किसी जांच के सभी को इस योजना में पंजीयन किया जाता रहा और शहर में इस योजना में हितग्राहियों की संख्या 31 हजार तक पहुंच गई और हितग्राहियों करोड़ों रुपए के बिजली बिल माफ हुए, योजना में गड़बडिय़ों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जांच शुरू कराई जिसके तहत पात्र व अपात्रों की पहचान की जा रही है और नाम हटाए जा रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि अब संबल योजना का नाम नया सवेरा किया गया है।
इस योजना के शुरुआती दौर में नपा कार्यालय में संबल योजना में जुडऩे के लिए हर दिन लोगों की भीड़ उमड़ रही थी। बिना किसी जांच के सभी को इस योजना में पंजीयन किया जाता रहा और शहर में इस योजना में हितग्राहियों की संख्या 31 हजार तक पहुंच गई और हितग्राहियों करोड़ों रुपए के बिजली बिल माफ हुए, योजना में गड़बडिय़ों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जांच शुरू कराई जिसके तहत पात्र व अपात्रों की पहचान की जा रही है और नाम हटाए जा रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि अब संबल योजना का नाम नया सवेरा किया गया है।
सभी वार्डों में चल रही जांच
शहर के सभी 39 वार्डों में यह जांच चल रही है। नपा की योजना शाखा से मिली जानकारी के अनुसार 1 जुलाई से प्रदेश में अपात्रों का सर्वे कार्य शुरू हुआ है। जबकि विदिशा में 8 अगस्त से यह कार्य शुरू हुआ और इन 12 दिनों में अब 3 हजार नाम इस योजना से हटाए जा चुके हैं। इस कार्य में नपा के सभी एआरआई नाकेदारों को वार्डवार सूची देकर इस जांच कार्यमें लगाया गया है। इस शाखा के कर्मचारियों का कहना है कि इस योजना में अभी 7 हजार नाम और हटने की संभावना है।
शहर के सभी 39 वार्डों में यह जांच चल रही है। नपा की योजना शाखा से मिली जानकारी के अनुसार 1 जुलाई से प्रदेश में अपात्रों का सर्वे कार्य शुरू हुआ है। जबकि विदिशा में 8 अगस्त से यह कार्य शुरू हुआ और इन 12 दिनों में अब 3 हजार नाम इस योजना से हटाए जा चुके हैं। इस कार्य में नपा के सभी एआरआई नाकेदारों को वार्डवार सूची देकर इस जांच कार्यमें लगाया गया है। इस शाखा के कर्मचारियों का कहना है कि इस योजना में अभी 7 हजार नाम और हटने की संभावना है।
यह माने जा रहे अपात्र
योजना शाखा के कर्मचारियों के मुताबिक जो कृषि भूमि के मालिक हंै। जिनका पक्का मकान है। घर में चार पहिया वाहन है। आयकर दाता, कारोबारी एवं आदि बिंदुओं की जांच कर इन अपात्र हितग्राहियों को हटाया जा रहा है।
योजना शाखा के कर्मचारियों के मुताबिक जो कृषि भूमि के मालिक हंै। जिनका पक्का मकान है। घर में चार पहिया वाहन है। आयकर दाता, कारोबारी एवं आदि बिंदुओं की जांच कर इन अपात्र हितग्राहियों को हटाया जा रहा है।
योजना में यह लाभ
इस योजना में अंत्येष्टि सहायता, सामान्य मृत्यु की दशा में अनुग्रह सहायता, दुर्घटना में मृत्यु की दशा में अनुग्रह सहायता, स्थायी अपंगता की दशा में अनुग्रह सहायता, आंशिक स्थायी अपंगता की दशा में सहायता, उन्नत व्यवसाय हेतु उपकरण अनुदान, प्रसूति सहायता, नि:शुल्क चिकित्सा, शिक्षा प्रोत्साहन, सरल बिजली बिल, बकाया बिजली माफ आदि लाभ शामिल है।
इस योजना में अंत्येष्टि सहायता, सामान्य मृत्यु की दशा में अनुग्रह सहायता, दुर्घटना में मृत्यु की दशा में अनुग्रह सहायता, स्थायी अपंगता की दशा में अनुग्रह सहायता, आंशिक स्थायी अपंगता की दशा में सहायता, उन्नत व्यवसाय हेतु उपकरण अनुदान, प्रसूति सहायता, नि:शुल्क चिकित्सा, शिक्षा प्रोत्साहन, सरल बिजली बिल, बकाया बिजली माफ आदि लाभ शामिल है।
योजना में अपात्रों का नाम काटने का कार्य जारी है। सभी वार्डों में नपा के कर्मचारी पहुंच रहे। अब तक 3 हजार नाम हटाए जा चुके। करीब 7 हजार नाम और हटना संभावित है। नए आदेश आने तक यह कार्य जारी रहेगा।
-पंकज रघुवंशी, प्रभारी, कर्मकार शाखा, नगरपालिका
-पंकज रघुवंशी, प्रभारी, कर्मकार शाखा, नगरपालिका