— पुल से सबको दिखता है अवैध कारोबार, पर कार्रवाई नहीं विदिशा से कुरवाई जाते ही बेतवा पुल पर बाईं ओर नजर पड़ती है तो रेत के अवैध कारोबार का तमाशा नजर आता है। इस जगह को यहां के लोग पुल घाट कहते हैं। बेखौफ रेत माफिया ने यहां भी पनडुब्बी डाल रखी है, और उसके जरिए निकाली जा रही रेत को लाइन से खड़े रहने वाले 8-10 ट्रेक्टर ट्रालियों में भरकर सबके सामने दिन में ही पुल के बाजू और फिर पुल के नीचे से होते हुए मेन रोड पर लाकर बाजार में बेचा जा रहा है। अक्सर विदिशा बैठकों में आने वाले अधिकारियों की भी नजर में यह सब गोरखधंधा है, लेकिन प्रभावशाली लोगों के संरक्षण में चल रहे इस गोरख्रधंधे में कोई हाथ नहीं डालना चाहता। कुछ लोग इसमें कुरवाई के कुछ अधिकारियों की भी मिली भगत का आरोप लगाते हैं, वे कहते हैं कि यही कारण है कि सबकी निगाह में होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। स्थानीय प्रशासन सब नजरअंदाज करता रहता है।
—– जौनाखेड़ी और मढि़या में भी बेतहाशा अवैध खनन इसी प्रकार की िस्थति कुरवाई के नजदीकी गांव जौनाखेड़ी की है। यहां सबसे ज्यादा गोरखधंधा चल रहा है। लाइन से ट्रेक्टर ट्रालियों की आवाजाही सबकी नजर में आती है, दिन भर यह सब चलता है, लेकिन मजाल है कि कोई कार्रवाई हो। पनडुब्बियों के जरिए बेतवा का लगातार खनन कर उसे खोखला किया जा रहा है, रोजाना लाखों की रेत बाजार में बेचकर कारोबारी अपना कारोबार कर रहे हैं, कार्रवाई न हो, इसके बदले में प्रभावशाली लोगों को उसका बड़ा हिस्सा जा रहा है और शासन-प्रशासन को भारी भरकम रकम की चपत लग रही है। यही हाल मढि़या का भी है, यहां पहले खनिज विभाग ने कुछ कार्रवाई की हैं, लेकिन फिलहाल लंबे समय से यहां भी बेखौफ खनन का कारोबार चल रहा है।
— वर्जन… कुरवाई में देवली, सिरावली, लचायरा और लेटनी में रेत खदानें स्वीकृत हैं। जौनाखेड़ी, मढि़या और बेतवा पुल के पास कोई खदान नहीं है। समय-समय पर कार्रवाई करते हैं। आज भी टीम को भेजा है।
-एमएस रावत, जिला खनिज अधिकारी विदिशा