गेट नहीं खुलते, वेस्टवीयर चलती है यहां
हलाली बांध यानी सम्राट अशोक सागर परियोजना के इस जलाशय का डिजाइन कुछ इस प्रकार का है कि इसमें बांध पूरा भर जाने पर भी गेट खोलने की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि वेस्ट वीयर से खुद ही पानी अपने आप बहने लगता है। बांध के इसी ओवरफ्लो से जब चट्टानों पर से होकर पानी नीचे गिरता है तो प्राकृतिक झरने का नजारा बन पड़ता है। स्थानीय भाषा में इसे छरछरा कहते हैँं, हलाली बांध का यह छरछरा जब शुरू होता है तो उसे देखने के लिए विदिशा, रायसेन और भोपाल सहित अनेक जिलों के लोग यहां पहुंचते हैं और जलक्रीडा का भी आनंद लेते हैं। गत वर्ष भी यह छरछरा शुरू हुआ था और बड़ी संख्या में पर्यटक इस प्राकृतिक झरने का आनंद लेने हलाली बांध पहुंचे थे।
हलाली बांध यानी सम्राट अशोक सागर परियोजना के इस जलाशय का डिजाइन कुछ इस प्रकार का है कि इसमें बांध पूरा भर जाने पर भी गेट खोलने की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि वेस्ट वीयर से खुद ही पानी अपने आप बहने लगता है। बांध के इसी ओवरफ्लो से जब चट्टानों पर से होकर पानी नीचे गिरता है तो प्राकृतिक झरने का नजारा बन पड़ता है। स्थानीय भाषा में इसे छरछरा कहते हैँं, हलाली बांध का यह छरछरा जब शुरू होता है तो उसे देखने के लिए विदिशा, रायसेन और भोपाल सहित अनेक जिलों के लोग यहां पहुंचते हैं और जलक्रीडा का भी आनंद लेते हैं। गत वर्ष भी यह छरछरा शुरू हुआ था और बड़ी संख्या में पर्यटक इस प्राकृतिक झरने का आनंद लेने हलाली बांध पहुंचे थे।
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सिंचाई और पेयजल में काम आता है पानी
्रसम्राट अशोक सागर बांध का पानी विदिशा, रायसेन और भोपाल तीन जिलों के काफी हिस्से को सिंचिंत करता है। इससे सर्वाधिक विदिशा जिले का रकवा सिंचित होता है। भोपाल का रकबा अपेक्षाकृत बहुत कम है। इसके अलावा गर्मियों के समय विदिशा तथा रायसेन नगर की पेयजल व्यवस्था भी इसी बांध पर निर्भर रहती है। हर साल विदिशा-रायसेन के पेयजल के लिए 3-4 बार पानी हलाली बांध से ही लिया जाता है।
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रात 11 बजेे खुले संजय सागर बांध के दो गेट
संजय सागर बांध के दो गेट सोमवार की रात 10-45 से 11 बजे के बीच खोले गए। बांध प्रभारी जयेश विजयवर्गीय ने बताया कि संजय सागर के दो गेट खोले गए हैं। पांच नंबर गेट रात 10.45 बजे 40 सेमी खोला गया, जबकि 7 नंबर गेट रात 11 बजे 50 सेमी खोला गया है।
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सिंचाई और पेयजल में काम आता है पानी
्रसम्राट अशोक सागर बांध का पानी विदिशा, रायसेन और भोपाल तीन जिलों के काफी हिस्से को सिंचिंत करता है। इससे सर्वाधिक विदिशा जिले का रकवा सिंचित होता है। भोपाल का रकबा अपेक्षाकृत बहुत कम है। इसके अलावा गर्मियों के समय विदिशा तथा रायसेन नगर की पेयजल व्यवस्था भी इसी बांध पर निर्भर रहती है। हर साल विदिशा-रायसेन के पेयजल के लिए 3-4 बार पानी हलाली बांध से ही लिया जाता है।
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रात 11 बजेे खुले संजय सागर बांध के दो गेट
संजय सागर बांध के दो गेट सोमवार की रात 10-45 से 11 बजे के बीच खोले गए। बांध प्रभारी जयेश विजयवर्गीय ने बताया कि संजय सागर के दो गेट खोले गए हैं। पांच नंबर गेट रात 10.45 बजे 40 सेमी खोला गया, जबकि 7 नंबर गेट रात 11 बजे 50 सेमी खोला गया है।
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अब तक सर्वाधिक बारिश सिरोंज में
पिछले साल इसी समय तक हुई बारिश की अगर तुलना करें तो इस बार सर्वाधिक बारिश सिरोंज तहसील में हुई है। यह पिछले साल से दोगुनी से ज्यादा है। जबकि जिले में कुरवाई और गुलाबगंज दो तहसीलें ही ऐसी हैं जहां पिछले साल इसी समय तक बरसे पानी की तुलना में इस बार कम बारिश दर्ज हुई है। कुरवाई में पिछले साल 3 अगस्त तक 547 मिमी बारिश हुई थी, जबकि इस बार अब तक 468.2 मिमी पानी गिरा है। इसी तरह गुलाबगंज में पिछले साल इसी समय तक 524 मिमी बारिश हुई थी जबकि इस बार 499 मिमी बारिश हुई है। शेष सभी तहसीलों में इस बार पिछले साल इसी समय तक हुई बारिश से ज्यादा पानी गिर चुका है।
पिछले साल इसी समय तक हुई बारिश की अगर तुलना करें तो इस बार सर्वाधिक बारिश सिरोंज तहसील में हुई है। यह पिछले साल से दोगुनी से ज्यादा है। जबकि जिले में कुरवाई और गुलाबगंज दो तहसीलें ही ऐसी हैं जहां पिछले साल इसी समय तक बरसे पानी की तुलना में इस बार कम बारिश दर्ज हुई है। कुरवाई में पिछले साल 3 अगस्त तक 547 मिमी बारिश हुई थी, जबकि इस बार अब तक 468.2 मिमी पानी गिरा है। इसी तरह गुलाबगंज में पिछले साल इसी समय तक 524 मिमी बारिश हुई थी जबकि इस बार 499 मिमी बारिश हुई है। शेष सभी तहसीलों में इस बार पिछले साल इसी समय तक हुई बारिश से ज्यादा पानी गिर चुका है।