विदिशा

सावन में करीब 25 लाख की फैनी, घेवर का स्वाद चखता है VIDISHA

VIDISHA में कानपुर के कारीगर फैनी और राजस्थान के कारीगर बनाते हैं घेवर

विदिशाAug 03, 2023 / 09:31 pm

govind saxena

सावन में करीब 25 लाख की फैनी, घेवर का स्वाद चखता है VIDISHA

विदिशा. सावन पर परम्परागत मिठाईयों में फैनी और घेवर का चलन अब भी खूब है। सावन आते ही कानपुर और राजस्थान के कारीगर विदिशा शहर में चार-पांच प्रतिष्ठानों पर आकर थोक में फैनी-घेवर बनाने में जुट जाते हैं। सिरोंज में स्थानीय लोग खुद फैनी बनाने का काम करते हैं। विदिशा की फैनी जिले में आसपास के शहर और कस्बों में जाती है। जबकि गंजबासौदा सहित कई जगह भोपाल से भी सीधे ही लोग फैनी और घेवर लाकर व्यापार करते हैं। मोटे तौर पर विदिशा जिले में सावन पर करीब सौ क्विंटल फैनी बिक जाती है, जो करीब 20 लाख रुपए की होती है। जबकि करीब पांच लाख रुपए की फैनी भोपाल से मंगाकर बेची जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी जब सावन पर बहन को ससुराल से लेने भाई जाता है तो फैनी को मिठाई के तौर पर जरूर ले जाता है। शहर के फैनी निर्माता नितिन जैन बताते हैं कि सावन के शुरुआत से ही कानपुर के कारीगरों को बुलाकर फैनी बनाने का काम शुरू कर देते हैं। वे खुद करीब 25 क्विंटल फैनी बनवाते हैं। इसके अलावा शहर में 4 जगह फैनी बनती है। अधिकांश जगह कानपुर के ही सिद्धहस्त कारीगर इसे बनवाने के लिए बुलवाए जाते हैं। वहां कई परिवार पीढि़यों से फैनी बनाने का कार्य कर रहे हैं और पूरे देश में उन कारीगरों की मांग है। इसके अलावा सिरोँज् में भी कुछ जगह यह काम होता है। गंजबासौदा सहित कुछ अन्य शहरों में भोपाल से सीधे लाकर व्यापारी फैनी बेचते हैं। जबकि विदिशा की फैनी भी विदिशा तथा रायसेन के कुछ शहरों और कस्बों में बिकने जाती है। बिना शकर की फैनी खुले भाव में दो सौ रुपए किलो और मीठी फैनी 160 रुपए प्रति किलो के मान से बाजार में बिकती है। जबकि कुछ जगह घेवर भी बनवाया जाता है। यह मूल रूप से राजस्थान के कारीगर ही बनाते हैं। सावन के अलावा घेवर का चलन शादी-विवाह समारोह में होने वाले भोज में बढ़ गया है। लेकिन सावन में इसकी मांग अपेक्षाकृत काफी कम है। वहीं पहले की तुलना में फैनी की मांग भी घटी है और इस परम्परागत सावन की मिठाई की ओर खासकर युवा पीढ़ी का रुझान कम होने से मांग काफी कम हुई है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.