यहां हासें के बच्चों के लिए व्यवस्थित प्रयोगशाला के तक इंतजाम नहीं हैं। वहीं लायब्रेरी के नाम पर भी खानापूर्ति करते हुए बरामदे में लगाई जाती है। मालूम हो कि जिस जर्जर भवन में हायर सेकंडरी स्कूल की कक्षाएं संचालित की जा रहीं हैं, वह भवन माध्यमिक स्कूल की कक्षाओं के लिए बनाया गया था, लेकिन हाई या हायर सेंडरी स्कूल भवन के अभाव में इसी भवन में हाई और हायर सेकंडरी की कक्षाएं लगाई जा रही हैं। वहीं प्रति वर्ष विद्यार्थियों की संख्या बढऩे जाने के कारण अब यह समस्या भी बढ़ती जा रही है।
हासें स्कूल के लिए नए भवन की घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्षों पूर्व की गई थी। इसके बाद अधिकारियों ने यहां का निरीक्षण भी किया था, लेकिन उस वक्त जगह की कमी की बात समने आई थी। लेकिन कुछ समय बाद जगह भी मिल गई और भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ की राशि भी स्वीकृत हुई, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण वर्षों बाद भी यहां हासें स्कूल भवन नहीं बन सका। जिसका खामियाजा स्कूल में पढऩे वाले विद्यार्थियों को उठाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है इस स्कूल में पढऩे वाले बच्चों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है, लेकिन शिक्षा विभाग अधिकारी, प्रशासन या स्थानीय जनप्रतिनिधी इस समस्या के निराकरण की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
– रामभरोसी अहिरवार, प्रभारी प्राचार्य, रुसल्ली साहू
– एसएस बिसेेन, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, सिरोंज