scriptसात साल की उम्र में लिया था भारती को गोद , शिवराज बार-बार पूछते रहें क्या हुआ था मेरी बेटी को | Shivraj repeatedly asks people what happened to my daughter | Patrika News

सात साल की उम्र में लिया था भारती को गोद , शिवराज बार-बार पूछते रहें क्या हुआ था मेरी बेटी को

locationविदिशाPublished: Jul 20, 2019 03:03:02 pm

Submitted by:

Amit Mishra

उल्टी हुई तो ससुराल में खुशी के संकेत मिले

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सात साल की उम्र में ने लिया था भारती को गोद , शिवराज बार बार लोगों से पूछते रहें क्या हुआ था मेरी बेटी को

विदिशा. करीब सवा साल पहले जिसका धूमधाम से विवाह रचाकर shivraj singh chauhan और साधना सिंह ने कन्यादान किया था। गुरुवार को उसकी अचानक मौत ने शिवराज और साधना सिंह के मन को हिला कर रख दिया। वे विदिशा आकर बार-बार रोते हुए यही पूछते रहे कि आखिर मेरी बेटी भारती daughter को ऐसा क्या हो गया था? वे भारती के घर और फिर सुन्दर सेवाश्रम भी गए जहां काफी देर तक शिवराज सुबकते रहे। शुक्रवार को भी रंगई और सुन्दर सेवाश्रम का माहौल गमगीन रहा।


कंधे पर डालकर ले गए जिला अस्पताल
टंडन बताते हैं कि जब डॉ. मंजू जैन ने भारती को जिला अस्पताल ले जाने के लिए कह दिया, तो उसके पति रविन्द्र वर्मा साधन या ऑटो को तलाशने में वक्त गंवाने के बजाय उसे अपने कंधे पर ही जिला अस्पताल की ओर दौड़ पड़े। यह दृश्य देखकर हर कोई हतप्रभ था, लेकिन जब वे अस्पताल पहुंचे और चिकित्सकों ने भारती को मृत घोषित कर दिया तो वे बेहाल हो गए।

उल्टी हुई तो ससुराल में खुशी के संकेत मिले
नपाध्यक्ष और सुन्दर सेवाश्रम से जुड़े मुकेश टंडन बताते हैं कि भारती शुरू से बहुत कमजोर थी, उसका एक हाथ ज्यादा ही कमजोर था। काफी समय पहले गायनिक समस्याओं को लेकर भारती की सास उसे डॉ. मंजू जैन के पास लेकर गईं थीं, उन्होंने भारती को पेट की टीबी की आशंका जताई थी। डॉ. संजय खरे उसका इलाज कर रहे थे। जब गुरुवार की सुबह उसे उल्टी हुई तो घर वालों को खुशी का संकेत समझा और वे उसे लेकर डॉ. मंजू जैन के क्लीनिक पर ले आए।


शव घर में जा पहुंचीं साधना सिंह
इसकी सूचना साधना सिंह चौहान और शिवराज सिंह को दी गई। शिवराज तत्काल रायपुर से विदिशा के लिए रवाना हो गए। उधर साधना सिंह अपने पुत्र कार्तिकेय के साथ भोपाल से तत्काल विदिशा पहुंचीं और अस्पताल परिसर में घुसते ही वे खूब रोईं। जब उन्हें भारती का शव शव घर में रखे होने की जानकारी मिली तो वे सीधे शव घर में पहुंच गईं और खूब रोर्ईं।

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उल्टी हुई तो ससुराल में खुशी के संकेत मिले
नपाध्यक्ष और सुन्दर सेवाश्रम से जुड़े मुकेश टंडन बताते हैं कि भारती शुरू से बहुत कमजोर थी, उसका एक हाथ ज्यादा ही कमजोर था। काफी समय पहले गायनिक समस्याओं को लेकर भारती की सास उसे डॉ. मंजू जैन के पास लेकर गईं थीं, उन्होंने भारती को पेट की टीबी की आशंका जताई थी। डॉ. संजय खरे उसका इलाज कर रहे थे। जब गुरुवार की सुबह उसे उल्टी हुई तो घर वालों को खुशी का संकेत समझा और वे उसे लेकर डॉ. मंजू जैन के क्लीनिक पर ले आए।


शव घर में जा पहुंचीं साधना सिंह
इसकी सूचना साधना सिंह चौहान और शिवराज सिंह को दी गई। शिवराज तत्काल रायपुर से विदिशा के लिए रवाना हो गए। उधर साधना सिंह अपने पुत्र कार्तिकेय के साथ भोपाल से तत्काल विदिशा पहुंचीं और अस्पताल परिसर में घुसते ही वे खूब रोईं। जब उन्हें भारती का शव शव घर में रखे होने की जानकारी मिली तो वे सीधे शव घर में पहुंच गईं और खूब रोर्ईं।

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