जिला अस्पताल की ओपीडी के सभी कक्षों पर चिपकाई पर्चिया
विदिशाPublished: May 17, 2022 12:49:51 am
अब न कक्षों के नंबर की पहचान, न विशेषज्ञों की
जिला अस्पताल की ओपीडी के सभी कक्षों पर चिपकाई पर्चिया
विदिशा। जिला अस्पताल में नई व्यवस्था पर कार्य शुरू किया गया है। इसके तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जिस तरह एक डॉक्टर सभी तरह के मरीजों की जांच करता है। ठीक उसी तरह की व्यवस्था जिला अस्पताल में लागू करने की तैयारी है। इसके पहले प्रयास में ओपीडी में चिकित्सक व विशेषज्ञ डॉक्टरों के कक्षों में कक्ष की पहचान और नंबरों की पहचान को मिटाने पर्ची चिपकाने का कार्य किया जा चुका है। जबकि इस नई व्यवस्था से डॉक्टर असहज महसूस कर रहे वहीं मरीज भी एक कक्ष से दूसरे कक्ष में भटक रहे हैं। पूर्व व्यवस्था में ओपीडी कक्षों में हड्डी, नाक कान गला, मेडिकल, नेत्र चिकित्सा शिशु आदि नाम कक्षों को दिए गए थे, जिसमें चिकित्सक व विशेषज्ञ बैठते थे और मरीज अपने बीमारी के मुताबिक डॉक्टरों के कक्ष में पहुंंच जाता था। किस कक्ष में कौन सा उपचार होगा इसकी पहचान के लिए कक्षों पर नंबर भी डले हुए थे और मरीजों की सुविधा के लिए ओपीडी में अस्पताल की दीवार पर एक बोर्ड भी चस्पा कर कक्षों के नंबरों को प्रदर्शित किया गया था। इससे मरीजों को आसानी थी और वे बोर्ड में अंकित नंबरों के आधार पर संबंधित डॉक्टर के कक्ष में पहुंच जाता था, लेकिन अब कक्षों के इन नंबरों पर कागज चस्पा कर दिए गए है जिससे मरीजों का भटकना पड़ रहा है।
मरीजों का कहना है कि ओपीडी में बीमारी बताने व पर्चा बनवाने के दौरान उन्हें कक्ष नंबर बताया जा रहा लेेकिन यहां कक्ष नंबरों के ऊपर कागज चिपके हुए हैं। जब वे डॉक्टर से मिलते हैं तो बीमारी से संबं धित डॉक्टर नहीं होने पर वे अन्य संबं धित डॉक्टरों के पास मरीज को भेज रहे । इससे उनकी तकलीफ कम होने की बजाय बढ़ रही है। अस्पताल से जुड़े कर्मचारियों का कहना है जिले का सबसे बड़ा अस्पताल लेकिन यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तरह हर डॉक्टरों को हर तरह की बीमारी के मरीज को देखने का कार्य सौंप दिया गया है। इसमेे मरीज अपनी बीमारी से संबं धित विशेषज्ञ चिकित्सक तक नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं डॉक्टर भी जो जिस बीमारी से संबं धित नहीं है वह उन मरीजों को दूसरे कक्षों में जाने का रास्ता बता रहे हैं।
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वर्जन
ओपीडी में ज्यादातर कक्ष खाली रहते थे। इसलिए सभी कक्षों में चिकित्सक उपलब्ध कराए गए हैं। वे स्वयं भी कक्ष में बैठकर सामान्य तरह के सभी मरीजों को देखते हैं। जहां मरीज गंभीर हो तो ऐसे मरीजों को तुरंत मौजूद विशेषज्ञ चिकित्सकों को सेवा उपलब्ध कराई जा सकती है। सभी चिकित्सक एक साथ बैठें और मरीजों को डॉक्टर उपलब्ध हो इसी उद्देश्य को लेकर यह प्रयास किया जा रहा है।
-डॉ. संजय खरे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल