नहीं हो सकता सभा के लिए उपयोग
मुख्यमंत्री चाहे कमलनाथ हों या तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान हों। अगर विदिशा में ईदगाह क्षेत्र के आसपास उनकी सभा होना है तो प्रशासन को सबसे मुफीद जगह दिखती है खेल स्टेडियम। भारत सरकार सहित मप्र के मुख्य सचिव के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी हाल में सभाओं के लिए खेल मैदानों का उपयोग नहीं किया जाए, लेकिन यहां कोई किसी की नहीं मानता। मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए करोड़ों की लागत से बने खेल स्टेडियम की बलि बार-बार चढ़ा दी जाती है। मेडिकल कॉलेज के शुभारंभ अवसर पर शिवराज सिंह चौहान की सभा यहां कराई गई थी, और अब जिला अस्पताल के नए भवन के लिए सीएम कमलनाथ की सभा कराईजा रही है।
मुख्यमंत्री चाहे कमलनाथ हों या तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान हों। अगर विदिशा में ईदगाह क्षेत्र के आसपास उनकी सभा होना है तो प्रशासन को सबसे मुफीद जगह दिखती है खेल स्टेडियम। भारत सरकार सहित मप्र के मुख्य सचिव के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी हाल में सभाओं के लिए खेल मैदानों का उपयोग नहीं किया जाए, लेकिन यहां कोई किसी की नहीं मानता। मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए करोड़ों की लागत से बने खेल स्टेडियम की बलि बार-बार चढ़ा दी जाती है। मेडिकल कॉलेज के शुभारंभ अवसर पर शिवराज सिंह चौहान की सभा यहां कराई गई थी, और अब जिला अस्पताल के नए भवन के लिए सीएम कमलनाथ की सभा कराईजा रही है।
स्टेडियम के 17600 वर्गफीट में लग रहा टेंट
15 नवम्बर को होने वाले कार्यक्रम के लिए 10 नवम्बर से ही टेंट लगाने और मंच बनाने का सामान स्टेडियम में पटक दिया गया है। भोपाल से आए टेंट हाउस वाले लोग स्टेडियम के साढ़े 17 हजार वर्ग फीट से ज्यादा हिस्से में टेंट लगाने के काम में मंंगलवार को भी जुटे रहे। वाटरप्रूफ टेंट लगाया जा रहा है। इसके लिए हजारों टन लोहे के पाइप, एंगल और ऐसी ही चीजें स्टेडियम के ट्रेक, घास के मैदान में पड़ी हुई हैं। इससे वह ट्रेक भी बुरी तरह खराब हो रहा है जिसे नेशनल मास्टर्स एथलेटेक्सि प्रतियोगिता के लिए तैयार कराया गया था।
15 नवम्बर को होने वाले कार्यक्रम के लिए 10 नवम्बर से ही टेंट लगाने और मंच बनाने का सामान स्टेडियम में पटक दिया गया है। भोपाल से आए टेंट हाउस वाले लोग स्टेडियम के साढ़े 17 हजार वर्ग फीट से ज्यादा हिस्से में टेंट लगाने के काम में मंंगलवार को भी जुटे रहे। वाटरप्रूफ टेंट लगाया जा रहा है। इसके लिए हजारों टन लोहे के पाइप, एंगल और ऐसी ही चीजें स्टेडियम के ट्रेक, घास के मैदान में पड़ी हुई हैं। इससे वह ट्रेक भी बुरी तरह खराब हो रहा है जिसे नेशनल मास्टर्स एथलेटेक्सि प्रतियोगिता के लिए तैयार कराया गया था।
अभी तक नहीं सुधरे हालात
पिछली बार जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शासकीय अटल बिहारी चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण करने आए थे तबभी स्टेडियम में ही सभा हुईथी और तबभी ऐसे ही हालात बने थे। उस समय प्रशासन ने भरोसा दिलाया था कि स्टेडियम का जो भी नुकसान होगा, उसकी भरपाई करा दी जाएगी। लेकिन स्टेडियम की खराबी बाद में नहीं सुधारी गई। इस बार भी यही हालात बन रहे हैं।
पिछली बार जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शासकीय अटल बिहारी चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पण करने आए थे तबभी स्टेडियम में ही सभा हुईथी और तबभी ऐसे ही हालात बने थे। उस समय प्रशासन ने भरोसा दिलाया था कि स्टेडियम का जो भी नुकसान होगा, उसकी भरपाई करा दी जाएगी। लेकिन स्टेडियम की खराबी बाद में नहीं सुधारी गई। इस बार भी यही हालात बन रहे हैं।
खिलाडिय़ों की दौड़ सब प्रभावित
स्टे डियम में यदा कदा खेल ही नहीं होते, बल्कि रोजाना तीन सौ से ज्यादा खिलाड़ी यहां पहुंचकर विभिन्न खेलों की प्रेक्टिस सुबह-शाम करते हैं। लेकिन अब इन खिलाडिय़ों की प्रेक्टिस बुरी तरह प्रभावित होगी। सबसे ज्यादा दिक्कत आर्मी की तैयारी में जुटे युवाओं को हो रही है जो सेना में भर्ती का सपना देखते हुए स्टेडियम में रोजाना सुबह-शाम पसीना बहा रहे हैं। लेकिन ट्रेक और मैदान पर टेंट खड़ा कर दिए जाने से उनकी सारी प्रेक्टिस स्वत: रुक गई है।
स्टे डियम में यदा कदा खेल ही नहीं होते, बल्कि रोजाना तीन सौ से ज्यादा खिलाड़ी यहां पहुंचकर विभिन्न खेलों की प्रेक्टिस सुबह-शाम करते हैं। लेकिन अब इन खिलाडिय़ों की प्रेक्टिस बुरी तरह प्रभावित होगी। सबसे ज्यादा दिक्कत आर्मी की तैयारी में जुटे युवाओं को हो रही है जो सेना में भर्ती का सपना देखते हुए स्टेडियम में रोजाना सुबह-शाम पसीना बहा रहे हैं। लेकिन ट्रेक और मैदान पर टेंट खड़ा कर दिए जाने से उनकी सारी प्रेक्टिस स्वत: रुक गई है।
भारत सरकार और मप्र के मुख्य सचिव के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि सभाओं के लिए खेल मैदानों का उपयोग किसी भी परिस्थिति में न किया जाए। लेकिन विदिशा का स्टेडियम लगातार सभाओं से बर्बाद हो रहा है। मैंने बैठक में भी यह बात उठाई थी, लेकिन प्रशासन ने अनसुना कर दिया। खेल मैदानों के बारे में प्रशासन का यह रवैया उचित नहीं है।
-रुद्रप्रताप सिंह, पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी
-रुद्रप्रताप सिंह, पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी
शासन के आदेशों के अनुसार स्टेडियम में सभा नहीं हो सकती है। इस आदेश से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है। स्टेडियम का नुकसान तो होता है। इसके बाद भी अगर यहां सभा हो रही हैतो मैं कुछ नहीं कह सकती।
-पूजा कुरील, जिला खेल अधिकारी विदिशा
-पूजा कुरील, जिला खेल अधिकारी विदिशा