शासकीय महाविद्यालय गुलाबगंज के प्रभारी प्राचार्य प्रो. संजीव जैन बताते हैं कि इस बारे में उच्च शिक्षा विभाग से तो फिलहाल कोई संदेश नहीं है, लेकिन जब लॉक डाउन के कारण मेरी बेटी दिल्ली और बेटा पुणे से वापस अपने घर आए और घर में भी उनकी ऑन लाइन कक्षाएं लगती देखीं तो मन में सवाल उठा कि मेरे कॉलेज के विद्यार्थी इससे वंचित क्यों? इस जिज्ञासा के चलते अपने बच्चों से इस तकनीक को सीखा और गूगल मीट के जरिए सबसे पहले अपने स्टॉफ को जोडकऱ उनसे मीटिंग की और मन की बात बताई कि हम भी ऐसी ही कक्षाएं शुरू करें तो कैसा रहेगा? प्रो. जैन की इस पहल को उनके स्टॉफ ने भी सहर्ष स्वीकार किया और फिर पहले से बनाए गए कॉलेज स्टूडेंटस्् के व्हाट्सअप ग्रुप के नंबर्स का उपयोग कर स्टूडेंट्स तक ये संदेश पहुंचाया। अच्छा रिस्पांस मिला और देखते ही देखते टाइम टेबिल बनाकर रोजाना तीन कक्षाएं शुरू कर दी गईं। इस पहल से जहां विद्यार्थी खुश हैं वहीं उनके माता-पिता भी इसलिए खुश हैं कि बंद के दौरान भी उनके बच्चों की घर बैठे पढ़ाई हो रही है। स्टॉफ भी इस बात से संतुष्ट है कि मुश्किल के दौर में भी वे अपने विद्यार्थियों की परीक्षा की तैयारी करा पा रहे हैं। महाविद्यालय के प्राध्यापक आकाश बावनगढ़े, पुष्पेन्द्र सिंह, रूचि जैन, अजीता मीणा, पूजा मेहता आदि ने कहा है कि संभव है कि जुलाई में कॉलेज के विद्यार्थियों की परीक्षा हों, ऐसे में विद्यार्थियों का नुकसान न हो और उनकी तैयारी पूरी हो जाए, इस लिहाज से ये पहल काफी कारगर रहेगी। विद्यार्थी गूगल मीट के दौरान ही अपनी समस्याओं का समाधान भी प्राध्यापकों से करा पा रहे हैं और उनका रिवीजन भी हो रहा है।