समय पर माल नहीं मिल पा रहा
मालूम हो कि व्यापारी कंपनियों से सौदा कर अपना अनाज ट्रक में भरकर भेजते हैं। इसके लिए मंडी गेट पर ई-अनुज्ञा पत्र (गेटपास) बनवाना होता है, लेकिन सर्वर डाउन रहने व अन्य कारणों से यह कार्य समय पर नहीं हो पा रहा। इससे अनाज से भरे ट्रक मंडी में समय पर नहीं पहुंच रहे। इसमें व्यापारियों का भाड़ा भी बढ़ रहा वहीं कंपनी को भी समय पर माल नहीं मिल पा रहा।
आदेश दिए जाने चाहिए
व्यापारियों ने बताया कि पिछले दो दिन से यह स्थिति ज्यादा खराब है और सर्वर चालू होने व अनुज्ञापत्र बनवाने के लिए उन्हें रात दो बजे तक जागना पड़ रहा। व्यापारियों का कहना है कि सर्वर डाउन की स्थिति में मंडी बोर्ड को सभी मंडी के लिए मेन्युअल अनुज्ञापत्र जारी करने के निर्देश जारी करने चाहिए। वहीं कंपनियों को भी यह अनुज्ञापत्र स्वीकार करने के आदेश दिए जाने चाहिए।
हर दिन सौ ट्रक का व्यवसाय
मंडी व्यापारियों के मुताबिक जिले की विभिन्न मंडियों से करीब सौ ट्रक अनाज हर दिन बाहर जाता है। अकेले विदिशा मंडी से 35 से 40 ट्रक हर दिन मंडी से भराकर निकलते हैं और ई-अनुज्ञापत्र न बनने में देरी से माल से भरे ट्रकों को रोके रखना पड़ रहा। व्यापारियों के मुताबिक नौबत यह भी बनी कि जिला प्रशासन व मंडी बोर्ड के अधिकारियों से चर्चा कर हाथ से तैयार अनुज्ञा-पत्र बनवाने पड़े लेकिन इन अनुज्ञापत्र को कंपनियां स्वीकार नहीं कर रही और जब तक ई-अनुज्ञापत्र नहीं बनता उनका भेजा गया माल स्वीकार नहीं होता।
अपडेट किया गया है पोर्टल
इधर मंडी में इस कार्य से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि पोर्टल को एनआईसी से जोडऩे का कार्य चल रहा था। पर वह जुड़ नहीं पाया। इससे पोर्टल मंगलवार को दिनभर नहीं चला। वहीं बुधवार को शाम 7 बजे तक पोर्टल चल पाया। अब पुराने पोर्टल को ही अपडेट किया गया है। इससे अब समस्या नहीं आ रही है। मंडी क्षेत्र में कई बार बिजली बंद रहने के दौरान यह कार्य प्रभावित होता है।
सर्वर डाउन होने की समस्या आ रही है। इससे ट्रांसपोर्ट में अतिरिक्त खर्च बढ़ रहा वहीं सर्वर के इंतजार में देर रात तक व्यापारियों का जागना पड़ रहा। यही हाल रहा तो मंडी बंद करने की नौबत बनेगी।
राधेश्याम माहेश्वरी, संभागीय प्रभारी, मप्र अनाज तिलहन महासंघ
सर्वर के कारण इस तरह की समस्या आ रही। इसके लिए वरिष्ठ कार्यालय से अनुमति लेकर मेन्युअल अनुज्ञापत्र जारी करा कर समस्या का हल कराया जा रहा है।
कमल बगवैया, सचिव, मंडी समिति