शिक्षकों की पूर्ति के लिए अब शिक्षा विभाग के पास अतिशेष शिक्षक ही विकल्प है और शिक्षा विभाग पिछले दो माह से इस प्रक्रिया को पूरा करने में व्यस्त था। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम और शिक्षक अधिक ऐसे स्कूलों की जानकारी निकालने के बाद अतिशेष शिक्षकों की सूची तैयार हुई जिसमें इस तरह के शिक्षकों की संख्या करीब 700 आई। इसके लिए शिक्षकों से दावे-आपत्तियां बुलाईगई। इसके बाद अतिशेष शिक्षकों की संख्या 559 होना सामने आया। अब इनके तबादले की तैयारी जिला शिक्षा विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है।
इन तबादलों में कईशिक्षक संघों के पदाधिकारी भी घेरे में है इससे माना जा रहा है कि तबादलों के विरोध में आंदोलन होने, शिक्षकों के अवकाश पर चले जाने एवं न्यायालय की शरण लेने जैसी नौबत भी बनेगी और इस सभी का असर शिक्षण कार्यपर पड़ेगा।
पू र्व में ऑन लाइन तबादले की प्रक्रिया भी हुईथी। इसमें जितने शिक्षक जिले से बाहर गए उस संख्या में शिक्षक अन्य जिलों से विदिशा में नहीं आ सके। फलस्वरूप कई स्कूलों में शिक्षकों के पद पहले से अधिक रिक्त हो गए। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस ऑन लाइन तबादले में जिले से 665 शिक्षक अपनी मनचाही जगह पर स्थानांतरित हुए जबकि आने वाले शिक्षकों की संख्या मात्र 358 रह गई। इससे जिले के कईस्कूलों में शिक्षकों की कमी हो गई। कईस्कूलों में शिक्षक न होने जैसी स्थिति है और स्कूलों में विद्यार्थियों की पढ़ाईनहीं हो पा रही है।
-राकेश जैन, सचिव मप्र कर्मचारी कांगे्रस
-मनोज शर्मा, जिलाध्यक्ष] शिक्षक कर्मचारी कांगे्रस
एसपी त्रिपाठी, जिला शिक्षा अधिकारी