सहकारी विपणन संघ के गोदाम के पीछे काटी जा रही कॉलोनी के लिए सरकारी जगह में से रास्ता बनाने की जानकारी एसडीएम बृजेश शर्मा को मिली तो उन्होंने नायब तहसीलदार सुशील चौरे और पटवारी नीरज विश्वकर्मा को मौके पर भेजा।
अधिकारियों के आने की भनक लगते ही कॉलोनाइजर ने मौके से जेसीबी हटवा ली और उसके कर्मचारी भी गायब हो गए। नायब तहसीलदार और पटवारी ने मौका मुआयना करके पूरी जानकारी एकत्र की।
कार्रवाई के लिए पंचनामा बनाया जाने की बात भी सामने आई है। बताया गया है कि बाहरी लोगों द्वारा स्थानीय लोगों की जमीन लीज पर लेकर कई दिनों से कॉलोनी काटने का गोरखधंधा किया जा रहा है। बस स्टेंड पर कॉलोनी का ऑफिस भी खोल दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक न तो इस जगह का डायवर्सन है और न ही कॉलोनी काटने की अनुमति, फिर भी जनता को गुमराह किया जा रहा है। मौके पर कोपरा और चूना डालकर प्लाटिंग शुरू ेकर दी गई है। कुछ दिन पूर्व एसडीएम विवेक कुमार ने भी मौके पर जाकर पड़ताल की थी, लेकिन उस समय भी कॉलोनाइजर दस्तावेज नहीं दिखा पाया था। इसके बाद एसडीएम ने कॉलोनी काटने पर रोक लगा दी थी।
मामला ठंडा होने के बाद अब फिर कॉलोनी काटने का काम शुरू कर दिया गया है। इस बार तो हद कर दी गई, कॉलोनी तक पहुंचने के लिए सरकारी जमीन में से रास्ता तैयार किया जाने लगा। जहां कॉलोनी काटी जा रही है, वहां तक पहुंंचने के लिए मुख्य सड़क से कोई रास्ता नहीं है, इसलिए शनिवार को कॉलोनाइजर द्वारा जेसीबी से सरकारी जगह में से रास्ता बनवाना शुरू कर दिया गया।
– बृजेश शर्मा एसडीएम