scriptमेलों से ही चलती है झूले वालों की जिन्दगी | The life of the swingers runs only through the fairs | Patrika News

मेलों से ही चलती है झूले वालों की जिन्दगी

locationविदिशाPublished: Jan 20, 2020 06:03:45 pm

Submitted by:

govind saxena

रामलीला मेले में आए कई परिवार पीढिय़ों से झूलों का ही कर रहे काम

मेलों से ही चलती है झूले वालों की जिन्दगी

मेलों से ही चलती है झूले वालों की जिन्दगी

विदिशा. पीढिय़ां गुजर गईं, लेकिन इनके परिवार मेलों पर ही निर्भर हैं। मेले होते हैं तो झूले लगते हैं, झूले चलते हैें तो इनकी आजीविका चलती है। काम बड़ा हो गया तो परिवार के साथ ही इन झूले वालों ने और कर्मचारी भी रख लिए, अब ये खुद का पेट पालने के साथ ही कुछ लोगों को रोजगार भी देने लगे हैं। लेकिन कोई गारंटी नहीं कब तक मेले में लोग आएं और इनका व्यवसाय चलता रहे। इस वक्त विदिशा की रामलीला में छोटे-बड़े करीब 30 झूले लग चुके हैं, बच्चों के साथ ही बड़े भी आने लगे हैं, लेकिन मेले को अपने रंग में आने में अभी एक हफ्ता और लगने की उम्मीद है।

उज्जैन से पांच झूले लेकर आए मोहम्मद अफजल बताते हैं कि वे खुद 35 साल से झूले के धंधा संभाल रहे हैं, इससे पहले हमारे पूर्वज भी यही काम करते थे। अफजल अपने साथ दो डे्रगन झूले, दो जाइंट व्हील झूले और एक ब्रेग डांस झूला लेकर आए हैं। उनका कहना है कि अब भाड़ा, आना-जाना और जमीन-बिजली का पैसा बहुत बढ़ गया। विदिशा में डेढ़ माह का मेला है, इसमें 5 झूलों का करीब 4-5 लाख रुपए खर्च आएगा, जबकि पूरे मेले में हमें करीब 2 लाख मुनाफा होने की उम्मीद है। इसमें 15 लोगों की टीम को उनका पारिश्रमिक भी देना होता है। अफजल बताते हैं कि मेलों पर ही हमारा परिवार टिका है। मेले चलते हैं तो हम लोगों के घरों में चूल्हे जलते हैं। जिन दिनों मेले नहीं होते, उन दिनों परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है। पीढिय़ों का यह धंधा है, इसलिए बदल भी नहीं सकते।

मेले में अफजल का जाइंट व्हील झूला 70 फीट ऊंचा है और इसका किराया 20 रुपए प्रति व्यक्ति है। इसमें एक बार में 48 लोग बैठ सकते हैं। इसी तरह ड्रेगन नाव झूला 60 फीट लम्बा है और इसमें एक साथ 50 लोगों के बैठने की क्षमता है। अब नए चलन मे बे्रेग डांस और टोरा-टोरा झूले भी आ गए हैं। टोरा टोरा झूला भोपाल के शानू भाई लेकर आए हैं। हरदा से आए सनम भाई ड्रेगन अ
टे्रन लेकर आए हैं। वे विदिशा मेले में पिछले करीब 30 वर्ष से आ रहे हैं। बड़ों और बच्चों के बैठने के लिए 3 टे्रेन भी मेले में हैं, इसके अलावा छोटे बच्चों के लिए छोटे झूले और छोटी ट्रेन भी हैं। इस बार बंजी जंपिंग आदि मनोरंजन के साथ भी मेले में आए हैं। पानी में चलने वाली छोटे बच्चों की नाव भी आकर्षण का केन्द्र है। इसके अलावा मिक्की माउस सहित मनोरंजन के कई साधन मेले में आ चुके हैं।
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