शिव और महाकाली के भक्त करते हैं जागरण
महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकाल और महाकाली के विवाह उत्सव का जश्न श्मशान में पिछले कई वर्षों से मनता आ रहा है। श्मशान के एक हॉल में शिव और महाकाली के भक्त भजन गा गा कर रात्रि जागरण करते हैं।
सैकड़ों लोगों ने जलती चिताओं के चारों ओर घेरा
पिछले कुछ वर्षों से शहर के कुछ लोग भी इसमें शामिल होकर आनंदित होते हैं, लेकिन इस बार काफी संख्या में लोग श्मशान घाट पर जा पहुंचे और उनमें से सैकड़ों लोगों ने जलती चिताओं के चारों ओर घेरा बनाकर जिस तरह से नृत्य और बम-बम भोले के नारों के साथ चिताओं की राख उछालना प्रारंभ किया वह किसी तांडव से कम नहीं था। हद तो तब हो गई जब यह तमाशा देखने के लिए श्मशान घाट के टीन शेड पर 50 लोग चढ़ गए। जिन पाइपों के सहारे यह लोग चढ़े और वहां खड़े होकर तमाशा देखते रहे वह बहुत खतरनाक हो सकता था, क्योंकि उस समय शेड के नीचे और परिसर में हजारों लोग पुरुष, महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे। मुक्तिधाम परिसर में इस वक्त पैर रखने को भी जगह नहीं थी और बाहर निकलने के लिए भी धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में यदि कोई ऊपर से गिरता या टीन शेड टूट जाता तो भगदड़ ऐसी मचती की संभालना मुश्किल हो जाता।