मुश्किल में है महादेव तक पहुंचने की डगर
विशाल गगनचुंबी शिखर वाला बेहद खूबसूरत नीलकंठेश्वर मंदिर। मंदिर का विशाल परिसर लेकिन कोई पहाड़ी नहीं, कोई गुफा नहीं फिर भी महादेव के दर्शन के लिए पहुंचना दर्शनार्थियों और पर्यटकों के लिए बड़ा मुश्किल भरा है। अनमोल धरोहर होने के बावजूद मंदिर तक पहुंचने का सुगम रास्ता प्रशासन नहीं बनवा पा रहा है। करीब 8-10 फीट चौड़ी गली से होकर मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंचना पड़ता है। जब मंदिर निर्माण हुआ होगा तब यकीनन मंदिर तक पहुंचने के लिए रास्ते भी मंदिर की ही तरह तीन होंगे, लेकिन अब रास्ता एक ही है और वहां तक पहुंचना मुश्किल भी। पार्किंग के लिए बाहर कोई इंतजाम नहीं है और अगर मंदिर तक वाहन ले जाओ और कोई एक वाहन भी फंस गया तो पैदल निकलना भी दूभर होता है। ऐसे में जरूरी है कि दोनेां ओर 10-10 फीट सडक़ और चौड़ी कर मौजूदा मार्ग को चौड़ा किया जाए। हालांंकि प्रशासन ने इस बारे में प्रयास शुरू किए हैं, लेकिन सक्रियता और इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह काम अभी प्रशासन की प्राथमिकता में नहीं दिखता।
विशाल गगनचुंबी शिखर वाला बेहद खूबसूरत नीलकंठेश्वर मंदिर। मंदिर का विशाल परिसर लेकिन कोई पहाड़ी नहीं, कोई गुफा नहीं फिर भी महादेव के दर्शन के लिए पहुंचना दर्शनार्थियों और पर्यटकों के लिए बड़ा मुश्किल भरा है। अनमोल धरोहर होने के बावजूद मंदिर तक पहुंचने का सुगम रास्ता प्रशासन नहीं बनवा पा रहा है। करीब 8-10 फीट चौड़ी गली से होकर मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंचना पड़ता है। जब मंदिर निर्माण हुआ होगा तब यकीनन मंदिर तक पहुंचने के लिए रास्ते भी मंदिर की ही तरह तीन होंगे, लेकिन अब रास्ता एक ही है और वहां तक पहुंचना मुश्किल भी। पार्किंग के लिए बाहर कोई इंतजाम नहीं है और अगर मंदिर तक वाहन ले जाओ और कोई एक वाहन भी फंस गया तो पैदल निकलना भी दूभर होता है। ऐसे में जरूरी है कि दोनेां ओर 10-10 फीट सडक़ और चौड़ी कर मौजूदा मार्ग को चौड़ा किया जाए। हालांंकि प्रशासन ने इस बारे में प्रयास शुरू किए हैं, लेकिन सक्रियता और इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह काम अभी प्रशासन की प्राथमिकता में नहीं दिखता।