रायसेन के 3-4 व्यापारियों के भरोसे विदिशा में धान की खरीदी होती है। सोमवार को दोपहर 1 बजे के बाद व्यापारियों के चले जाने से करीब 50 किसानों की धान नीलाम नहीं हो सकी। इससे नाराज किसानों ने हाइवे पर जाम लगा दिया।
किसानों का आरोप था कि वैसे ही 3-4 व्यापारी हैं, किसान यहां रात भर से नीलामी के इंतजार में बैठे थे, लेकिन व्यापारी दोपहर 1 बजे गए तो फिर वापस नहीं आए, इससे करीब 50 किसानों की नीलामी नहीं हो सकी। ऐसे में रात फिर उन्हें मंडी में ही काटना पड़ेगी।
किसानों ने नारेबाजी करते हुए मंडी के गेट के सामने हाइवे पर अपनी ट्रालियां अड़ाकर जाम लगा दिया। सूचना मिलते ही तहसीलदार आशुतोष शर्मा, सिविल लाइन टीआई आरएन शर्मा पुलिस बल के साथ पहुंचे और किसानों को समझाइश देकर जाम खुलवाया। इसके बाद मंडी प्रशासन ने ऐलान कराया कि मंगलवार को सुबह से बिना लंच अवकाश के नीलामी जारी रहेगी।
पहले दिन 5 हजार क्विंटल आवक
सोमवार को नई मंडी में इस सीजन की धान खरीदी का पहला दिन था। पहले दिन करीब 230 ट्राली धान यानी करीब 5 हजार क्विंटल धान की नीलामी हुई। अधिकांश व्यापारियों ने नई मंडी में ही धान की नीलामी के बाद तुलाई और कीमत अदा करने का इंतजाम किया है। इससे किसानों को यहां-वहां नहीं भटकना पड़ेगा।
सोमवार को नई मंडी में इस सीजन की धान खरीदी का पहला दिन था। पहले दिन करीब 230 ट्राली धान यानी करीब 5 हजार क्विंटल धान की नीलामी हुई। अधिकांश व्यापारियों ने नई मंडी में ही धान की नीलामी के बाद तुलाई और कीमत अदा करने का इंतजाम किया है। इससे किसानों को यहां-वहां नहीं भटकना पड़ेगा।
किसानों को नहीं मिल रहे धान के सही दाम
किसान मंडी में धान लेकर तो आ रहे हैं, लेकिन उन्हें धान का सही दाम नहीं मिल रहा इससे वे निराश हैं। परसूखेड़ी के घनश्याम मीणा और दुपारिया के नरेन्द्र धाकड़ ने बताया कि पिछले वर्ष धान के रेट 2600-2700 रुपए क्विंटल थे, लेकिन इस बार धान 1500-1600 तक बिक रही है। मजबूरी यह है कि बेंचेंगे नहीं तो घर में रखकर क्या करेंगे। फिर पैसा नहीं मिलेगा तो अगली फसल के लिए खाद कहां से लाएंगे।
किसान मंडी में धान लेकर तो आ रहे हैं, लेकिन उन्हें धान का सही दाम नहीं मिल रहा इससे वे निराश हैं। परसूखेड़ी के घनश्याम मीणा और दुपारिया के नरेन्द्र धाकड़ ने बताया कि पिछले वर्ष धान के रेट 2600-2700 रुपए क्विंटल थे, लेकिन इस बार धान 1500-1600 तक बिक रही है। मजबूरी यह है कि बेंचेंगे नहीं तो घर में रखकर क्या करेंगे। फिर पैसा नहीं मिलेगा तो अगली फसल के लिए खाद कहां से लाएंगे।
धान की नीलामी के लिए एक ही समय तय है। लंच के बाद नीलामी नहीं होना थी। सोमवार को भी सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक नीलामी हुई। व्यापारी चले गए। बाद में आए किसानों ने हंगामा खड़ा कर दिया। हमारी भी मजबूरी है, विदिशा में व्यापारी हैं नहीं, कुल 3-4 व्यापारियों के भरोसे खरीदी होती है। मंगलवार को लंच नहीं होगा, नीलामी होगी। दाम की कमी का कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धान के दामों में मंदी का होना है।
– राधेश्याम माहेश्वरी, अध्यक्ष अनाज तिलहन व्यापार संघ