शहर से करीब 10 किमी दूर उदयगिरी पहाड़ी पर गुप्त काल में बनाई गई गुफाएं और प्रतिमाएं मौजूद हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन इन गुफाओं की स्थिति कुछ समय पहले तक बहुत खराब थी। लेकिन अब एएसआइ ने उदयगिरी परिसर को संवारने का काम शुरू किया है। परिसर की सफाई कर उसमें पर्यटकों की सुविधा के लिए पाथवे बनाया है। पहाड़ी पर रैलिंग लगाकर सुरक्षा की व्यवस्था की है और पीने के लिए आरओ का इंतजाम भी किया है। पर्यटकों के विश्राम के लिए जगह-जगह बेंचें और स्वच्छता की दृष्टि से कृूड़ेदान का भी इंतजाम किया गया है। विश्व प्रसिद्ध वराह प्रतिमा को देखने और उसके साथ फोटो खिंचवाने के लिए पर्यटक प्रतिमा पर ही बैठ जाते और उसे हाथों से छूते थे, इसे रोकने के लिए प्रतिमा के आगे रैलिंग लगाई गई है। इसी तरह उदयगिरी की अमृत मंथन गुफा की ओर गेट लगाकर सूचना पटल लगाए गए हैं। पर्यटकों की सुविधा के लिए गुफाओं के आगे उनसे संबंधित जानकारी पत्थर पर उत्कीर्ण की गई है।
पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल के निर्र्देशों पर अमल शुरू
पिछले दिनों केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंंत्री प्रहलाद पटेल ने उदयगिरी गुफाओं का अवलोकन कर एएसआइ के अधिकारियों को इसके संरक्षण के लिए जरूरी निर्देश दिए थे। उनमें ही नृसिंह शिला और शेषाशायी विष्णु के संरक्षण के लिए शेड बनाने की बात भी शामिल थी। अब इस पर अमल किया जा रहा है। नृसिंह शिला और शेषाशायी विष्णु की प्रतिमा के सामने शेड लगाने के काम को हरी झंडी मिल गई है। टेंडर खुलने के बाद यह काम शुरू किया जाएगा। करीब 25 लाख रुपए की लागत से ये काम किए जाना हैं।
वर्जन…
उदयगिरी में पर्यटकों की सुविधा के लिए काफी काम किया जा रहा है। पाथवे, बेंचें लगाने आदि का कुछ काम हो चुका है। अब नृसिंह शिला और गुफा नं. 13 के सामने शेड बनाया जा रहा है।
-संदीप मेहतो, सहायक पुरातत्व सर्वेक्षण अधिकारी, सांची