किसानों ने बताया कि समर्थन मूल्य पर उड़द की बिक्री भावांतर योजना के तहत करने के लिए करीब ढाई माह पूर्व कतारों में लगकर पंजीयन करवाए थे, लेकिन उनकी उम्मीदों पर अब पानी फिरता नजर आ रहा है, क्योंकि तीन दिन में एक भी किसान की उपज को पास नहीं किया गया है। जिससे दूर-दूर से आए किसानों को मायूस होकर वापस होना पड़ रहा है।
तीन दिन में 40 से अधिक किसान खाली हाथ वापस हो चुके हैं। किसानों की इस समस्या की ओर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि सोसायटी पर उनसे ठीक से बात तक नहीं की जा रही।
जिससे वे परेशान हैं। मापदंड सख्त होने के कारण उपज नहीं बिक पा रही, जिससे किसानों ने ट्रॉलियां लाना ही बंद कर दिया है। जबकि एक किसान उड़द की फसल की ग्रेडिंग कराकर लाया, तो उसकी उपज पास तो कर ली पर खरीदी सोमवार को करना बताई गई। किसानों का कहना है कि पानी गिरने के कारण फसल सभी जगह प्रभावित हुई है। ऐसे में सर्वेयर जैसी क्वालिटी बता रहे हंै वैसी उपज होना संभव नहीं है। वहीं जब उपज नहीं खरीदनी थी, तो पंजीयन क्यों किए गए।
उपज का सेम्पल लेकर दिखाने के लिए आए थे जिसको जबरन फेल किया गया है।
– मोहन सिंह दांगी, किसान, बामौरी होज जब सरकार को हमारी उपज खरीदनी नहीं थी, तो पंजीयन क्यों करवाये गए। किसान ढाई महीने से खरीदारी का इंतजार कर रहे थे। अब उनकी उपज को फेल किया जा रहा है।
– सुरेन्द्र रघुवंशी, किसान नेता, सिरोंज
– मनोज ढौकले, क्वालिटी असिस्टेंड, एफ सीआई
– गोपाल शर्मा, सुपारवाइजर, सिरोंज