सोयाबीन की बोवनी में इस बार किसानों के 53 करोड़ होंगे अतिरिक्त खचज़्
बीज के दाम में 2000 एवं डीएपी में 150 रुपए दाम बढऩे से महंगी हुई बोवनी
विदिशा
Published: June 14, 2022 09:47:09 pm
विदिशा। जिले में किसानों को इस बार सोयाबीन की बोवनी महंगी पडऩे जा रही है। सोयाबीन बीज के दाम इस बार गत वर्ष की अपेक्षा 2 हजार रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है। वहीं डीएपी भी पिछले वर्ष की अपेक्षा 150 रुपए महंगी है। इन स्थितियों में प्रति हैक्टेयर पर किसानों का सोयाबीन की बोवनी में 2150 रुपए प्रति हैक्टेयर का खर्च बढ़ गया है। इस वर्ष जिले में कुल 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी प्रस्तावित है। अगर इस प्रस्तावित पूरे रकबे में सोयाबीन की बोवनी हुई तो किसानों को 53 करोड़ 75 लाख रुपए अतिरिक्त राशि खर्च करना पड़ जाएगी।
किसानों का कहना है कि गत वर्ष किसानों को 6 हजार से 10 हजार रुपए िक्ंवटल में सोयाबीन बीज उपलब्ध था। जबकि डीएपी खाद 1200 रुपए बोरी थी लेकिन इस वर्ष बीज 10 हजार से 14 हजार 500 रुपए के भाव सोयाबीन बीज मिल पा रहा है। इसी तरह 1200 रुपए बोरी डीएपी के दाम बढ़कर 1300 रुपए हो चुके हैं। किसानों ने बताया कि परेशानी यह भी बीज आसानी से उपलब्ध नहीं हो रहा। निजी दुकानों पर भी सोयाबीन बीज महंगा मिल रहा वहीं इसके शासकीय रेट भी जो गत वर्ष 7 हजार 500 रुपए थे जो इस वर्ष बढ़कर 10 हजार 100 हो गए हैं। किसानों का कहना है कि निजी दुकानों में बीज की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है और उन्हें बीज के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
अन्य शहरों से करना पड़ रही बीज की खरीदी
किसानों ने बताया कि उन्हें सोयाबीन बीज खरीदने के लिए उज्जैन, सीहोर, नीमच आदि शहरों से बीज खरीदना पड़ रहा है। बीज महंगा होने के साथ ही अन्य शहर से बीज खरीदकर लाने पर परिवहन में डीजल वाहन यात्रा में उनकी अतिरिक्त राशि खर्च हो रही । वहीं इसके बाद भी बीज की गारंटी नहीं है। बीज खराब निकल जाने पर बोवनी कार्य में ही गड़बड़ी होना मानकर किसानों पर ही दोष मढ़ दिया जाता है। बोवनी सीजन से पूर्व प्रशासन, शासन को काफी समय तैयारियों के लिए मिला था लेकिन बीज की व्यवस्थाएं नहीं की जा सकी और अब किसानों को बीज खरीदी के लिए अन्य शहरों की ओर भटकना पड़ रहा है या स्थानीय किसानों से ही बीज खरीदकर इसकी पूर्ति कर रहे हैं।
दो लाख 50 हजार हैक्टेयर में होना है सोयाबीन की बोवनी
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में खरीफं का कुल रकबा 5 लाख 27 हजार हैक्टेयर है, लेकिन सोयाबीन की बोवनी कुल 2 लाख 50 हजार हैक्टेयर में होना है। विभागीय जानकारी के अनुंसार सोयाबीन बोवनी में कई तरह की समस्याओं के चलते इसका रकबा लगातार कम होता जा रहा। तीन वर्ष पूर्व 2020 में जहां सोयाबीन का रकबा 4 लाख 60 हजार था वह वर्ष 2021 में घटकर 2 लाख 59 हजार हो गया और अब 2022 में घटकर 2 लाख 50 हजार हो गया है।
वर्जन
सोयाबीन बीज महंगा हो गया और उपलब्ध भी नहीं हो रहा। 14 हैक्टेयर में बोवनी करना है। बीज के लिए स्थानीय किसानों से ही बीज की व्यवस्था करना पड़ रही है। बीज भी महंगा और डीएपी खाद भी जबकि मंडी में लागत के हिसाब से दाम नहीं मिल पाते हैं।
-भूपेंद्र रघुवंशी, किसान, ग्राम सांकलखेड़ा
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बीज के लिए किसान दुकानदारों के भरोसे हैं। पूर्व में सोसायटियों से बीज उपलब्ध हो जाता था लेकिन पिछले दो वर्ष से समितियों से बीज नहीं मिल रहा। किसानों को अन्य शहरों से भी बीज लाना पड़ रहा है।
-लाखनसिंह मीणा, किसान नेता
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कंपनियां प्रमाणित बीज की गारंटी नहीं देती वहीं बीज महंगा भी है। इसलिए दुकानदार सोयाबीन बीज रखने से बच रहे है जिससे दुकानों में बीज की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है।
-राजीव पीतलिया, अध्यक्ष, कीटनाशक, खाद एवं बीज विक्रेता संघ

सोयाबीन की बोवनी में इस बार किसानों के 53 करोड़ होंगे अतिरिक्त खचज़्
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