इस अवसर पर अखिल भारतीय महिला परिषद के सदस्य गण अपनी विशेष पोषाक में सिर पर पगड़ी बांधे चल रहीं थीं। वहीं विद्यासागर नवयुवक मंडल के सदस्य श्रीजी के आगे जयघोष बैंड के साथ जयघोष करते हुये चल रहे थे।
शोभायात्रा में आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के विशाल चित्र लेकर एवं धर्म ध्वजा को लहराते युवक एवं युवतियां तथा जैन पाठशाला के वच्चे चल रहे थे। चल समारोह शीतलधाम परिसर में पहुंचा तो यहां सौभाग्यवती महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर आरती उतारी एवं सौधर्म इन्द्र परिवार ने श्रीजी को ऐरावत हाथी से उतारकर भगवान शीतलनाथ स्वामी के निर्माणाधीन समवसरण की दूसरी मंजिल पर बनी पांडुक शिला पर विराजमान किया गया।
मंत्रोच्चारण के साथ भगवान का अभिषेक स्वर्ण कलश, शांतिधारा के पश्चात विभिन्न रजत कलशों से अभिषेक किया गया। इस दौरान समवसरण पर विशेष विधुत साज सज्जा की गई। जहां जन्म कल्याणक मनाया गया। पालकी में वाल अवस्था को याद करते हुये झूला झुलाया गया।
प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे। तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में 22 जनवरी को सुबह अभिषेक एवं पूजन संपन्न होगी।
वंही 23 जनवरी को भगवान आदिनाथ स्वामी का मोक्ष कल्याणक के शुभ अवसर पर सुबह शीतलधाम के अधिष्ठाता प्राचीन मूर्ती भगवान आदिनाथ का मस्तकाभिषेक एवं शांतिधारा के उपरांत नित्य नियम पूजन एवं निर्वाण लाड़ू चढाया जाएगा।