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ऐसा क्या किया टीआई ने कि गृहमंत्री को देना पडे सस्पेंड करने के निर्देश, जानिए क्यों…..

locationविदिशाPublished: Dec 06, 2017 02:12:24 pm

जानलेवा हमले के आरोपियों को बचाने माननीयों का हस्तक्षेप, टीआई को सस्पेेंड कराया
 

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विदिशा। आरोपियों को बचाने में राजनीतिज्ञों का हस्तक्षेप कम नहीं हो पा रहा है। इस बार जानलेवा हमले के एक आरोपी को बचाने के लिए माननीयों ने हस्तक्षेप किया और गृहमंत्री के निर्देश पर सिविल लाइन टीआई संजीव चौकसे को सस्पेंड कर दिया गया। मजे की बात है कि टीआई पर फरियादी से 3 लाख रुपए लेकर एक व्यक्ति का नाम रिपोर्ट में लिखने की बात आ रही है, जबकि फरियादी के परिजनों ने एसपी को लिखित में दिया है कि न उनसे कोई पैसे मांगे गए और न टीआई को दिए। फिर भी एक माननीय की पटरी टीआई से न बैठ पाने के कारण गृहमंत्री ने टीआई को सस्पेंड करने के निर्देश दिए।
घटना चिड़ौरिया में रविवार की शाम की है। दांगी समाज के दो पक्षों में विवाद हो गया और एक पक्ष के शिवराज दांगी के एक हाथ की चारों अंगुलियां कट गईं, सिर में फर्से की घातक चोट आई। लहुलुहान शिवराज सिविल लाइन थाने पहुंचा और रुद्रप्रताप उर्फ रुद्धू, वीरेन्द्र उर्फ वीरू, मनीष दांगी, लक्ष्मीबाई दांगी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। चारों पर भादंवि की धारा ३०७, ३२३, २९४, ३४ के तहत प्रकरण दर्ज हो गया। करीब एक घंटे बाद दूसरे पक्ष का वीरेन्द्र, रुद्रप्रताप और लक्ष्मीबाई थाने आए और मनीष दांगी भी आ गया। थाने में इस पक्ष की ओर से भी ६ लोगों के खिलाफ प्रकरण कायम कर लिया गया। वीरेन्द्र घायल होने के कारण अस्पताल भेज दिया गया, लक्ष्मीबाई को महिला होने के कारण जाने दिया, जबकि रुद्रप्रताप और मनीष को 306३०७ का आरोपी होने के कारण थाने में बैठा लिया।
सूत्रों के मुताबिक इसके बाद विधायक कल्याण सिंह और जिपं अध्यक्ष तोरण सिंह दांगी के फोन टीआई चौकसे के पास पहुंचे और मनीष को छोड़ देने के लिए कहा जाने लगा। टीआई ने उन्हें जवाब दिया कि मनीष ३०७ का आरोपी है, फरियादी ने उसके नाम की रिपोर्ट लिखाई है, अभी नहीं छोड़ सकते, विवेचना के बाद छोड़ दिया जाएगा। यह रविवार का घटनाक्रम था, मालूम हुआ है कि सोमवार को यह बात गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह से कही गई, जिस पर वहां से टीआई को निलंबित करने के निर्देश एसपी के पास आ गए।
अतिरिक्त एसपी विनोद कुमार सिंह चौहान ने बताया कि टीआई चौकसे पर ३ लाख रूपए रिश्वत मांगने के आरोप हैं। मजे की बात है कि यह कोई नहीं बता पा रहा कि रिश्वत मांगने की शिकायत किसने की थी। फरियादी शिवराज सिंह दांगी भोपाल में भर्ती है। उसके परिजनों ने एसपी से मिलकर साफ कहा है कि उनसे न कोई रिश्वत मांगी गई और न उन्होंने रिश्वत दी।
शिवराज के परिजनों का आरोप है कि यह पूरी साजिश मनीष दांगी को प्रकरण से हटाने की है, जिसमें टीआई को मोहरा बनाकर उन्हें निलंबित किया गया है। एसपी विनीत कपूर ने शिवराज के परिजनों को आश्वस्त किया है कि जांच होगी, अगर वे दोषी नहीं हैं तो कोई कार्रवाई नहीं होगी।
विधायक का पहले भी हुआ था पंगा

विधायक कल्याण सिंह दांगी को सिविल लाइन टीआई चौकसे कभी नहीं सुहाए। कुछ दिन पूर्व मारपीट के एक आरोपी को छुड़ाने भी विधायक थाने जा पहुंचे थे और आरोपी को छुड़ाने के लिए उनकी एसआई जादौन तथा टीआई चौकसे से बहस हुई थी। अब यह दूसरा मामला है जब आरोपी को छुड़ाने के लिए विधायक ने गृहमंत्री तक गुहार लगाई। गौरतलब है कि कोतवाली में हुए एक कार्यक्रम में विधायक खुद कह चुके हैं कि पुलिस नियम तोडऩे वालों को पकडती है और हम उन्हें छुड़वा देते हैं।
इनका कहना है

टीआई चौकसे पर काम में लापरवाही और तीन लाख रूपए की रिश्वत मांगने का आरोप है। यह जांच की जा रही है कि रिश्वत किससे मांगी। फरियादी अभी अस्पताल में है, बयान आदि होने के बाद कुछ कहा जा सकेगा।
विनोद कुमार सिंह चौहान, एडीशनल एसपी विदिशा

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