27 साल तक रहे हैं विधायक
इस गांव के ठाकुर मोहर सिंह 18 वर्ष, उनकी धर्मपत्नी सुशीला सिंह 5 वर्ष और उन्हीं के परिवार के कल्याणसिंह ठाकुर करीब 4 साल विधायक रहे हैं। इसके अलावा करणसिंह दांगी अच्छे वकील रहे हैं, रामसिंह ठाकुर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर रहे हैें। डॉ अमित ठाकुर इंजीनियर हैं, उनकी पत्नी चंद्रप्रभा ठाकुर एक स्कूल में प्राचार्य हैं। गांव के कई अन्य लोग भी अच्छे पढ़े लिखे और प्रतिष्ठित पदों पर हैं।
इस गांव के ठाकुर मोहर सिंह 18 वर्ष, उनकी धर्मपत्नी सुशीला सिंह 5 वर्ष और उन्हीं के परिवार के कल्याणसिंह ठाकुर करीब 4 साल विधायक रहे हैं। इसके अलावा करणसिंह दांगी अच्छे वकील रहे हैं, रामसिंह ठाकुर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर रहे हैें। डॉ अमित ठाकुर इंजीनियर हैं, उनकी पत्नी चंद्रप्रभा ठाकुर एक स्कूल में प्राचार्य हैं। गांव के कई अन्य लोग भी अच्छे पढ़े लिखे और प्रतिष्ठित पदों पर हैं।
गांव में 50 से ज्यादा खेत तालाब
गांव के डॉ अमित ठाकुर बताते हैं कि तत्कालीन विधायक कल्याणसिंह के समय यहां बांध के लिए सर्वे हुआ था, डीपीआर भी बन गई थी, लगा था कि अब सिंचाई के लिए पानी की समस्या खत्म होगी और किसान को राहत मिलेगी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। गांव में ट्यूबवेल सफल नहीं होते, ऐसे में किसानों ने अपने खेतों में तालाब बना रखे हैं। गांव में किसानों ने अपने खेतों में 50 से ज्यादा खेत तालाब बनवा रखे हैं, जिसके पानी से फसलों की सिंचाई होती है। मिट्टी बहुत अच्छी है, फसलें भी अच्छी होती हैं, जिससे गांव में समृद्धि है।
अब गांव में पक्की सड़कें, पास ही अस्पताल
गांव की सड़कें बरसों तक खूब बदहाल रहीं, लेकिन कल्याणसिंह दांगी के विधायक कार्यकाल में सड़कों का काम हुआ और गांव में अब हर सड़क पक्की है। गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं भले ही नहीं, लेकिन मात्र 6 किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर में है, जिससे ज्यादा परेशानी नहीं आती। इसी तरह तिलक में मिडिल तक पढ़ाई के इंतजाम हैं, जबकि हाईस्कूल और हायरसेकंडरी की पढ़ाई के लिए बच्चों को अहमदपुर जाना होता है।
गांव की सड़कें बरसों तक खूब बदहाल रहीं, लेकिन कल्याणसिंह दांगी के विधायक कार्यकाल में सड़कों का काम हुआ और गांव में अब हर सड़क पक्की है। गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं भले ही नहीं, लेकिन मात्र 6 किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अहमदपुर में है, जिससे ज्यादा परेशानी नहीं आती। इसी तरह तिलक में मिडिल तक पढ़ाई के इंतजाम हैं, जबकि हाईस्कूल और हायरसेकंडरी की पढ़ाई के लिए बच्चों को अहमदपुर जाना होता है।
गांव की ये है ताकत…
1. राजनैतिक रूप से छोटा सा गांव खूब समृद्ध है।
2. खेती के प्रति लोग जागरुक हैं, अच्छी फसल होती है।
3. खेत तालाब खूब बने हैं, सिंचाई में काम आते हैं।
4. गांव में पक्की सड़कें, मिडिल तक स्कूल है।
1. राजनैतिक रूप से छोटा सा गांव खूब समृद्ध है।
2. खेती के प्रति लोग जागरुक हैं, अच्छी फसल होती है।
3. खेत तालाब खूब बने हैं, सिंचाई में काम आते हैं।
4. गांव में पक्की सड़कें, मिडिल तक स्कूल है।
गांव की ये है कमजोरी-
1. सिंचाई के लिए नहरों का इंतजाम नहीं हो पाया।
2. नल जल योजना शुरू होते ही बंद हो गई, आज भी बंद है।
3. ट्यूबवेल सफल नहीं होने से पेयजल की दिक्त है।
4. गांव से रोजगार के लिए पलायन हो रहा है।