scriptमंडी गेट के बाहर पांच घंटे खड़ी रही ट्रॉलियां, सड़कों पर जाम | Trolleys standing for five hours outside the Mandi Gate, jam on roads | Patrika News

मंडी गेट के बाहर पांच घंटे खड़ी रही ट्रॉलियां, सड़कों पर जाम

locationविदिशाPublished: Mar 16, 2019 07:39:46 am

Submitted by:

Bhupendra malviya

मंडी में अधिक आवक के कारण सड़कों पर जाम लगा रहा। इससे करीब पांच घंटे तक किसान व आमनागरिक परेशान हुए।

news

मंडी गेट के बाहर पांच घंटे खड़ी रही ट्रॉलियां, सड़कों पर जाम

विदिशा। पुरानी अनाज मंडी में आवक बढऩे के साथ ही किसानों की आफत शुरू हो गई है। शुक्रवार की सुबह अधिक आवक के कारण मंडी परिसर ट्रॉलियों से भरा गया। इससे मंडी के गेट बंद करने पड़े। और करीब पांच घंटे तक गेट के बाहर सड़कों पर जाम लगा रहा। मंडी आवक बढऩे से अब मंडी प्रशासन द्वारा नई मंडी परिसर में नीलाम कार्य कराने की तैयारी कर रहा है। मिली जानकारी के अनुसार रात से ही किसान अनाज से भरी ट्राली लेकर मंडी आना शुरू हो गए थे।
सुबह सात बजे तक मंडी का परिसर ट्रॉलियों से भरा चुका था परिसर में और अधिक ट्रॉलियों की गुंजाइश नहीं होने से सुबह करीब ७.३० बजे मंडी कर्मचारियों को मंडी के दोनों गेटों को बंद करना पड़ा। इससे इन गेटों के बाहर ट्रॉलियों की लंबी कतार लगना शुरू हो गई। इससे आसपास की कई सड़कों पर आवागमन में अवरुद्ध होता रहा और किसानों के साथ ही क्षेत्र के रहवासी भी परेशान होते रहे। यह क्षेत्र रहे प्रभावित सड़कों पर ट्रॉलियों के खड़े रहने से खासकर मोहनगिरी, बरईपुरा, शिक्षक कॉलोनी, राघवजी कॉलोनी, राजपूत कॉलोनी आदि क्षेत्र के लोग परेशान हुए। बरईपुरा गेट से रामलीला मार्ग पर काफी लंबी कतार ट्रॉलियों की रही। सड़क पर दो लाइनों में ट्रॉलियां लग जाने से आने-जाने से अन्य वाहन इस मार्ग पर नहीं निकल पा रहे थे। इन सड़कों सिर्फ दोपहिया वाहन ही निकल पाए। ऑटो, जीप-कार आदि के लिए अन्य रास्तों से निकलना पड़ा। ऐसी ही स्थिति अन्य मार्गों की रही।
बाद में खरीफाटक गेट के सामने से ट्रॉलियां हटवाकर उन्हें शिक्षक कॉलोनी की ओर से बरईपुरा गेट की ओर भेजा गया। इससे यहां लड्ढा वाली सड़क से आवागमन सुलभ हो पाया। 750 ट्रॉलियों की है मंडी की क्षमता मंडी कर्मचारियों के मुताबिक मंडी परिसर की क्षमता 750 ट्रॉलियों की है। इससे अधिक ट्रॉली आने पर गेट बंद करना पड़ता है। सुबह हालत यह रही कि जितनी ट्रॉली परिसर के अंदर थी। करीब उतनी ही ट्रॉलियां गेट के बाहर सड़कों पर खड़ी रही। परिसर में आ चुकी ट्रॉलियों के अनाज की नीलामी के बाद दोपहर एक बजे गेट के बार खड़ी ट्रॉलियों को परिसर में अंदर प्रवेश मिल पाया। आवक बढ़ी तो दाम कम हुए आवक बढ़ी तो मंडी में अनाज के दाम भी कम हुए हैं।
खासकर गेहूं, मसूर एवं चने के दाम में 100-100 रुपए कम हो गए। किसानों में इससे नाराजी रही। किसानों का कहना है कि अधिक आवक के दौरान उन्हें अनाज बेंचने में दिनभर मंडी में गुजारना पड़ा और आखिर में अनाज के दाम गिर जाने से उन्हें नुकसान भी उठाना पड़ा। किसानों के मुताबिक आवक बढऩे के दौरान अक्सर ऐसी स्थिति बनती है। वर्जन सुबह के आए और रात में पहुंचेंगे घर सुबह 7 बजे के आए हैं।
गेट बंद हो गया। अब शाम तक नीलाम कार्य होगा और रात में घर पहुंच पाएंगे। उनका कहना है कि नई मंडी में नीलाम कार्य शुरू कराया जाना चाहिए। -प्रतापसिंह दांगी, किसान, ग्राम हिनौतिया तो महंंगा पड़ जाएगा ट्रॉली का किराया किराए की ट्रॉली में अनाज लाए हैं। ट्रॉली का किराया दो हजार रुपए है। अनाज आज नहीं बिक पाया तो दूसरे दिन का किराया भी लग जाएगा। मंडी की व्यवस्थाएं दुरूस्त होना चाहिए। -बबलूसिंह राजपूत, किसान, ग्राम ठर्र ——– अधिक आवक के कारण कुछ समय के लिए मंडी के गेट बंद करने पड़े। शीघ्र ही नई मंडी में नीलाम कार्य शुरू कराने की तैयारी कर रहे हैं। -कमल बगवैया, सचिव, मंडी समिति ——————–
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो