घटना के समय दो बच्चे और उनके दादा झोपड़े के बाहर सो रहे थे। जैसे ही उन्हें आग का आभास हुआ और उनकी नींद खुली तो वे चिल्लाते हुए भागे। देखते ही देखते झोपड़ी जलकर राख हो गई। जलता हुआ छप्पर सोते हुए बच्चों पर गिर गया। जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने आग को बुझाकर बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया और डायल 100 को सूचना दी, लेकिन जब तक आग बुझती और पुलिस आती तब तक बच्चों की मौत हो चुकी थी। दोनों बच्चों के शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
परिवार वालों का कहना है कि हम शादी में न जाते तो शायद ऐसा कुछ नहीं होता। हमने आजतक बच्चों को अकेला नहीं छोड़ा। ऐसा पहली बार हुआ है कि हम अपने बच्चों को छोड़कर कही बाहर गए। जाने सयम हमने कहा था कि अपना ध्यान रखना। पर, न जाने ये क्या और कैसे हो गया।
आसपास के लोगों का कहना है कि आधी रात को यह हादसा हुआ। हमें पता ही नहीं चला। बहुत देर बाद जब कुछ जलने की बदबू आई तो हम जाकर देखा। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आग बहुत बढ़ चुकी थी। हमने फायर बिग्रेड को बुलाया। पर, बच्चे न बच सकें। इस बात का हमें दुख है।
एसडीओपी प्रशांत सिंह सुमन ने बताया कि घटना में ६ साल के बच्चे और ४ साल की बच्ची की मौत हुुई है। टपरे में आग कैसे लगी, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है।