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विदिशा

उज्ज्वला योजना में 70 प्रतिशत सिलेंडर की रिफिलिंग नहीं

गांवों में लकड़ी कंडों पर ही बन रहा खाना…

विदिशाJan 29, 2020 / 09:46 am

Bhupendra malviya

उज्ज्वला योजना में 70 प्रतिशत सिलेंडर की रिफिलिंग नहीं

उज्ज्वला योजना में 70 प्रतिशत सिलेंडर की रिफिलिंग नहीं

विदिशा। उज्ज्वला योजना के तहत जिले में बडी संख्या में हितग्रहियों को रसाई गैस के कनेक्शन दिये गए लेकिन सिलेंडर लेने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता सिलेंडर की रिफिलिंग नहीं करा रहे हैं।

गैस एजेंसियों के मुताबिक इस योजना के हितग्रहियों में सिर्फ 30 प्रतिशत उपभोक्ता ही ऐसे है जो नियमित रिफिलिंग करा रहे। शेष 70 प्रतिशत उपभोक्ता भोजन बनाने में लकड़ी कंडों का उपयोग कर रहे हैं।
मालूम हो कि वर्ष 2016 से उज्ज्वला योजना शुरू हुई । योजना का उद्देश्य लकड़ी, कोयले के बजाय रसोई गैस से खाना बनाने पर जोर देने के साथ ही पर्यावरण एवं स्वास्थ्य की रक्षा था। इसके तहत गरीबों को निशुल्क गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए गए और राशि की प्रतिपूर्ति गैस सिलेंडर की सबसिडी से किया जाना था।
अब तक इस योजना के हुए प्रथम एवं द्वितीय सत्र में बड़ी संख्या में गरीब उपभोक्ताओं ने गैस कनेक्शन लिए ,लेकिन इन उपभोक्ताओं में बहुत कम हितग्राही ही नियमित सिलेंडर ले पा रहे है। 1 लाख 47 हजार है उपभोक्ता मिली जानकारी के मुताबिक जिले में इस योजना के तहत 1 लाख 88 हजार फार्म हितग्रहियों के भरे गए थे।
इनमें 1 लाख 47 हजार उपभोक्ताओं को गैस कनेक्शन उपलब्ध हुए हैं। यह उपभोक्ता जिले की कुल 23 एजेंसियों से जुड़े हैं। एजेंसी संचालकों का कहना है कि इन हितग्रहियों में 30 प्रतिशत उपभोक्ता ऐसे हैं जो नियमित रिफिलिंग करा रहे।
इनकी संख्या लगभग 40 हजार बताई गई है। जंगल क्षेत्र से जुड़े गांव में लकड़ी का अधिक उपयोग एजेंसी कर्मचारियों के मुताबिक हितग्राहियों में 20 प्रतिशत ऐसे भी उपभोक्ता है जो साल भर में एक से तीन सिलेंडर ही ले पा रहे हैं।
उपभोक्ताओं को घर-घर सिलेंडर पहुंचाने की सेवाएं देने के कार्य से जुड़े कर्मचारियों का कहना है कि यह ऐसे उपभोक्ता है जो कि चाय व सब्जी बनाने में ही गैस का उपयोग कर रहे लेकिन रोटियां चूल्हे पर ही बन रही है। वही जंगल क्षेत्र से जुड़े हैदरगढ़,ग्यारसपुर ,अहमदपुर आदि क्षेत्रों में उपभोक्ता बहुत कम ही रिफिलिंग करा रहे।
इन क्षेत्रों के हितग्राही यहां लकड़ियां आसानी से उपलब्ध होने के कारण ज्यादातर उपभोक्ता भोजन बनाने में कंडे एवं लकड़ियों का उपयोग कर रहे हैं। सिलेंडरों के दाम भी हैं अधिक मिली जानकारी के अनुसार सिलेंडरों के दाम भी अधिक हैं इसके कारण एकमुश्त राशि की व्यवस्था उपभोक्ता नहीं कर पा रहा है।
जनवरी माह में 14 किलो 200 ग्राम के गैस सिलेंडर का दाम ₹730 है जबकि अगस्त 2019 में ₹589 था। हालांकि दाम बढ़ने के साथ सब्सिडी भी उपभोक्ताओं के खातों में अधिक पहुंचती है, लेकिन उपभोक्ता रिफिलिंग में रुचि नहीं दिखा रहा है।
उपभोक्ता की सुविधाओं के लिए गांव-गांव में वाहन भेजकर सिलेंडर उपलब्ध कराने व्यवस्थाएं है।गांव में सर्वेयर पहुंचकर तुरंत बुकिंग कर रिफिलिंग करते है। इस सुविधा से रिफिलिंग बढ़ने की संभावना है।

– संतोष राजपूत, प्रबंधक , गैस एजेंसी
सिलेंडरों के रेट अधिक होने से उपभोक्ता रिफिलिंग नहीं करा पा रहे। अब पांच किलो का सिलेंडर भी उपलब्ध कराया जा रहा जो कम रेट का होने से रिफिलिंग बढ़ेगी।

– रश्मि साहू, जिला खाद्य अधिकारी

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