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पहली बार बोलेे उमाकांत- ये अपमानजनक व्यवहार

locationविदिशाPublished: Jun 04, 2021 09:43:39 pm

Submitted by:

govind saxena

पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के पार्थिव शरीर को तिरंगा न ओढ़ाने का मामला

पहली बार बोलेे उमाकांत- ये अपमानजनक व्यवहार

पहली बार बोलेे उमाकांत- ये अपमानजनक व्यवहार

सिरोंज. पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाना था, प्रशासन ने गार्ड ऑफ ऑनर तो दिया, कलेक्टर और एसपी खुद अंतिम संस्कार में शामिल हुए, लेकिन नियमानुसार उनके पार्थिव शरीर पर तिरंगा नहीं ओढ़ाया गया। यह मुद्दा अंतिम संस्कार के बाद से ही गर्माया हुआ है। अब तक पूरी तरह खामोश पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत के छोटे भाई और विधायक उमाकांत शर्मा ने पहली बार मीडिया के सामने अपना मुंह खोला है। उन्होंने कहा कि जब राजकीय सम्मान दिया था तो पूरा सम्मान देना था। दिवंगत आत्मा के साथ ही प्रदेश के लाड़ले नेता थे उनके प्रति भी ये अपमान जनक व्यवहार किया गया है तो मैं तो केवल दुख ही व्यक्त कर सकता हूं। प्रशासन की दादागिरी है जो चाहे करे।
गृहमंत्री से भी शिकायत- सम्मान के नाम पर औपचारिकता
शुक्रवार को प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे। उनसे भी भाजपा नेताओं ने अंतिम संस्कार के समय पूर्व मंत्री को राजकीय सम्मान न देने और उनका अपमान किए जाने का आरोप लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। सिरोंज व्यापार महासंघ और हिन्दू संगठनों ने गृहमंत्री के सिरोंज पहुंचने पर इस बात की शिकायत करते हुए कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। व्यापार महासंघ के अध्यक्ष पद्म ताम्रकार और बजरंग दल के रिंकू सुमन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री से चर्चा की और आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री के अंतिम संस्कार में राजकीय सम्मान के नाम पर प्रशासन ने कोरी औपचारिकता की है। प्रशासन ने ना तो उनकी पार्थिव देह के लिए किसी वाहन का प्रबंध किया और ना ही नियमानुसार देह पर तिरंगा उड़ाया। पार्थिव देह के लिए अंत्येष्टि स्थल काशी घाट पर कोई सम्मानजनक प्लेटफार्म भी नहीं बनाया गया था। वहीं गार्ड ऑफ ऑनर की प्रक्रिया के दौरान फायर भी नहीं किया गया। नियमों का यह उल्लंघन एक तरह से राजकीय सम्मान का अपमान है। वहीं प्रशासन के इस लापरवाही भरे रवैये से पूर्व मंत्री के परिवार एवं सिरोंज-लटेरी क्षेत्र की जनता का भी अपमान हुआ है। जबकि इसी कोविड काल में पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह तथा पूर्व सांसद कैलाश नारायण सारंग के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार के दौरान राजकीय सम्मान के सभी नियमों का पालन किया गया था। जब मुख्यमंत्री स्वयं पीपीई किट पहन कर भोपाल में पूर्व मंत्री की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर सकते हैं तो फिर प्रशासन चाहता तो पीपीइ किट पहन कर पार्थिव देह को तिरंगा पहनाने और पार्थिव देह से तिरंगा उतारने की प्रक्रिया भी कर सकता था। इससे ऐसा लगता है कि कलेक्टर और एसपी द्वारा जानबूझ कर नियमों की अवहेलना की गई है और पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की पार्थिव देह के साथ अपमानजनक और पीड़ादायक व्यवहार किया गया है। उन्होंने मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। इस दौरान समीर भार्गव, अरविंद जैन, अर्पित मित्तल, कैलाश सोनी, जितेन्द्र जैन, जगदीश शाक्य, अनिल राठौर, तुलसी नारायण शाक्य तथा पवन शर्मा आदि मौजूद थे।
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