इस पर सीइओ बोले-जनप्रतिनिधि हो तो विधायक जी के घर जाकर नेतागिरी करो। फिर सीइओ ने चौकीदार को फटकारा- तुम्हारा काम है तो तुम्हें खुद आना चाहिए न, जनप्रतिनिधियों के साथ आने की क्या जरूरत हैै। इस पर खुद को जनप्रतिनिधि बताने वाले युवक ने कहा- उनका नहीं, मेरा खुद का भी काम है। छह महीने से फौती नामांतरण के लिए भटक रहा हूं।सीइओ ने जवाब दिया- फौती नामांतरण नहीं हो रहा तो तहसीलदार बैठे हैं उनके पास जाओ।
युवक फिर बोला- मैं कलेक्टर के पास जाऊंगा। इस पर भी सीइओ शांत नहीं हुए, वे तपाक से बोले- बिल्कुल तुम कलेक्टर के पास ही जाना। और 5 नहीं 50 लोगों को लेकर जाओ। ये भी कहो कि सीइओ साहब ने लठ मारे हैं, गालियां बकी हैं।