सड़क पर खड़ी मौत कर रही थी इस बाइक सवार का इंतजार सरकारी कर्मचारी रहे सोहनलाल यकायक कह बैठे की, यहां हर कोई कमा रहा है। जहां देखो वहां पैसा बरस रहा है। यकीनन यह हो भी रहा है शिक्षा नगरी में। जी हां, यहां हर हाथ कमा रहा है। फिर चाहे वो कोचिंग हो या सड़क पर पौहे का ठेला लगाने वाला शक्स।
OMG! दो समोसे के 90 रुपए वसूले, देखिए कैसे लूट रहे जनता को… कोचिंग से संभला शहर 25 सालों से कोटा को शिक्षा नगरी के नाम से जाना जाने लगा है। इससे पहले यह औद्योगिक नगरी हुआ करता था। धीरे-धीरे उद्योग खत्म होते गए। अगर शहर में कोचिंग की नींव न पड़ती तो शायद कोटा में रोजगार खत्म हो गया होता। यह कोचिंग इंडस्ट्री की ही देन है कि आज इसके कारण करीब दो दर्जन से ज्यादा रोजगार के माध्यम पैदा हुए हैं। इनसे करीब दो लाख लोग जुड़े हैं। स्थानीय ही नहीं बाहर के लोग भी यहां आकर रोजगार कर रहे हैं।