जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले में गेंहू का सर्वाधिक 2079 हेक्टेयर रकवा ओला-पाले से प्रभावित हुआ है, जबकि 1012 हेक्टेयर चना, 333 हेक्टेयर मसूर और 209 हेक्टेयर क्षेत्र में सरसों की फसल प्रभावित हुई है। इसमें से गेंहू, चना और मसूर की फसलों को 10-20 फीसदी तक नुकसान आंका गया है जबकि सर्वाधिक 50-70 फीसदी नुकसान सरसों को हुआ है। बता दें कि 5 और 8 जनवरी को सिरोंज तथा लटेरी क्षेत्र के अनेक ग्रामों में ओलावृष्टि से फसलें प्रभावित हुई थीं। इसके साथ ही पाले का प्रकोप भी फसलों की नुकसानी का कारण बना है। लेकिन जो सर्वाधिक नुकसान हुआ है वह लटेरी-सिरोंज तहसीलों में ही है, जो ओलों से हुआ है। यहां के हालात देखने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी खेतों में पहुंचे थे और फसलों की बर्बादी देखकर किसानों को राहत देने का भरोसा भी दिया था। सिरोंज-लटेरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक उमाकांत शर्मा सहित कलेक्टर उमाशंकर भार्गव सहित पूरा प्रशासन भी तत्काल मौका मुआयना करने खेतों में पहु्रंचा था और फसलों की बर्बादी का सर्वे कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी लटेरी के उनारसीकलां गांव में पहुंचे थे और फसलों का हाल जाना था। गौरतलब है कि पूरे जिले में सिरोंज-लटेरी तहसील में ही ओला वृष्टि हुई थी, जिससे सर्वाधिक फसल का रकवा भी यहीं का प्रभावित हुआ था।