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विदिशा को लेना पड़ेगा मार्च अंत में हलाली से पानी

locationविदिशाPublished: Mar 12, 2019 03:59:02 pm

Submitted by:

Amit Mishra

जलसंकट: रोज बंद हो रहे हैंडपंप नटेरन में 3 दिन में मिल रहा पानी

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विदिशा को लेना पड़ेगा मार्च अंत में हलाली से पानी

विदिशा। मार्च का महीना आधा हो चला है और अब जिले में जल संकट गहराने लगा है। विदिशा के कालिदास बांध में केवल मार्चमहीने के लायक ही पानी बचा है। उधर जिले में सबसे ज्यादा नटेरन और लटेरी तहसीलों में हालात बिगडऩे के आसार हैं। जल संकट से निपटने के लिए पीएचई ने ढाई करोड़ के प्रस्ताव शासन को भेजे हैं। उधर नगर पालिका ने भी नलकूप के लिए 80 लाख और टेंकर से पानी के लिए 50 लाख का बजट तय किया है।


जलसंकट का सबसे ज्यादा विकराल रूप इस बार जिले के लटेरी और नटेरन ब्लॉक में दिखाई दे सकता है। इसके अलावा ग्यारसपुर के भी कुड गांव बुरी तरह प्रभावित होंगे। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने ऐसी करीब 20 बस्तियों को चिन्हित किया है, जहां जलसंकट से ज्यादा परेशानी होगी और वहां वैकल्पिक इंतजाम के लिए प्रस्ताव भेजा है।

कई कॉलोनियों में जलसंकट
मार्च के पहले से ही शहर की कई कॉलोनियों में जलसंकट गहरा गया है। इनमें टीलाखेड़ी, करैयाखेड़ा रोड, मिर्जापुर, ढोलखेड़ी, आमवाली कॉलोनी, हस्नापुर और बैसनगर आदि कई कॉलोनियों में पानी के लिए चीख पुकार मचने लगी है।


शहर की 25 फीसदी आबादी को पानी नही
विदिशा शहर की जनसंख्या 1 लाख 66 हजार 419 है, लेकिन नगर पालिका यहां की करीब 75 फीसदी आबादी को ही पानी मुहैया करा पा रही है। नपा के इंजीरियर वायएस भदौरिया के मुताबिक नगर में अभी 16 एमएलडी पानी का वितरण हो रहा है, जबकि शहर में जनसंख्या के लिहाज से 22 एमएलडी पानी दिया जाना चाहिए।

ऐसी है स्थिति

310 कुल नल जल योजनाएं
73 बंद नल-जल योजनाएं
237 चालू-आंशिक चालू
10742 कुल हैंडपम्प
200 बंद हैंडपम्प

रोजाना 40 हैंडपम्प हो रहे बंद
जलसंकट इस तरह से बढ़ रहा है कि जिले में औसतन रोजाना 40 हैंडपम्प बंद हो रहे हैं, जिनकी मरम्मत कर सुधारा जा रहा है। कई ग्रामों में एक मोहल्ले के हैंडपम्प बंद होने से दूसरे मोहल्लों से पानी ढोना पड़ रहा है। खेतों में लगे नलकूप सूखने के कारण किसानों को नए बोर कराना पड़ रहे हैं।

टेंकर के लिए नहीं टेंडर
जलसंकट के दौरान नगर पालिका ने टेंकर से पेयजल सप्लाई के लिए 50 लाख का प्रावधान किया है। पहले चरण में 25 लाख के टेंडर बुलाए गए हैं, लेकिन दो बार टेंडर बुलाने पर भी किसी ने रुचि नहीं दिखाई। अब नपा नए विकल्प तलाश रही है। फिलहाल रोजाना करीब 20 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से जल प्रदाय किया जा रहा है। इसके अलावा विदिशा शहर में नलकूप खनन के लिए भी 80 लाख का प्रावधान किया है।

इन ग्रामों में दिक्कत
पीएचई के कार्यपालन यंत्री अविनाश दिवाकर ने बताया कि इस बार लटेरी तहसील में बारिश अपेक्षाकृत काफी कम होने से वहां दिक्कत आने की आशंका है। इसके लिए इंतजाम किए हैं। उधर लटेरी नगर परिषद के सीएमओ बीएस चौहान का कहना है लटेरी शहर की करीब 20 हजार की आबादी में हर घर को मार्च के अंत तक पानी मिलने लगेगा। यहां करीब 1 करोड़ की लागत से पाइप लाइन बिछाई जा रही है।

मार्च तक ही हो पाएगी पानी की पूर्ति
नगर में जल संकट के ये हालात हैं कि कालिदास बांध मेें मात्र 3 फीट पानी बचा है, जो केवल मार्च महीने के लिए ही हो पाएगा। नपा के इंजीनियर भदौरिया की मानें तो मार्च के अंत में या फिर अप्रेल के शुरू में ही पानी के लिए फिर हलाली बांध की ओर हाथ पसारना पड़ेंगे।


जिले में लटेरी, नटेरन और ग्यारसपुर के भी कुछ गांव जलसंकट की आशंका से चिह्नित किए हैं। इस संकट से निपटने करीब ढाई करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा है।
-अविनाश दिवाकर, कार्यपालन यंत्री, पीएचई

नगर में पेयजल संकट से निपटने के लिए टेंकर लगाए जाएंगे। करीब 50 लाख का प्रावधान इसके लिए किया है। टेंडर बुलाए गए हैं। नलकूप खनन के लिए भी 80 लाख का प्रावधान किया है।
-मुकेश टंडन, अध्यक्ष, नगर पालिका विदिशा

कालिदास बांध में मार्च तक के लिए पानी का इंतजाम है। शहर को 22 एमएलडी पानी चाहिए, लेकिन हम 16 एमएलडी ही दे पा रहे हैं। 80 फीसदी घरों में पानी पहुंच रहा है।
-वायएस भदौरिया, सहायक यंत्री, नपा विदिशा

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