तुम बन जाओ या मुझे रहने दो कलेक्टर…. सुबह 9.30 बजे अहमदपुर के डॉ अंबेडकर सामुदायिक भवन में चल रहे मतदान का निरीक्षण करने कलेक्टर उमाशंकर भार्गव और एसपी डॉ मोनिका शुक्ला पहुंचे। यहां मतदान की गति काफी धीमी गति थी। कलेक्टर ने पता किया तो वहां मतदान कर्मियों द्वारा मतदाताओं को सरपंच का वोट डालने के बाद ही जनपद और जिला पंचायत के मतपत्र दिए जा रहे थे। इस पर नाराजी जताते हुए कलेक्टर ने कहा कि ऐसे तो बहुत समय लगेगा और यह व्यवहारिक भी नहीं है। मतदाता को सभी मतपत्र एक साथ दिए जाएं। इसके बाद यही प्रक्रिया यहां अपनाई गई। मतदान केंद्र के बाहर सरपंच पद के प्रत्याशी उमराव सिंह कुशवाह को कलेक्टर समझा रहे थे। कुशवाह बीच-बीच में बोले जा रहे थे, इस पर नाराज कलेक्टर ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि तुम बन जाओ कलेक्टर, या फिर मुझे रहने दो…। इस पर कुशवाह चुप हो गए।
मतगणना तो जिला मुख्यालय पर ही होगी… अहमदपुर में ही सरपंच पद प्रत्याशी उमराव सिंह ने कलेक्टर-एसपी से कहा कि मतदान हो जाए, मतगणना तो जिला मुख्यालय पर ही होगी। इस पर कलेक्टर और एसपी दोनों बोले- क्यों होगी जिला मुख्यालय पर। यहीं होगी। तुम्ही कह रहे हो कि यह गांव अच्छा है, शांत है, सब लोग अच्छे हैं तो फिर मतगणना यहां क्यों नहीं हो सकती। प्रत्याशी ने कहा- ठीक है, मैं तो पिछले चुनावों के आधार पर कह रहा था। इस पर कलेक्टर बोले- कुछ नहीं, मतगणना यहीं होगी।
नेता तुम्हीं हो कल के… अहमदपुर में ही अंबेडकर भवन के पास के मतदान केंद्र पर मतदाताओं को पर्ची देने वाले प्रत्याशियों के काउंटर पर दो बच्चे बैठे पर्ची बांट रहे थे। बरबस उन पर नजर चली गई। पूछा उनका नाम- एक ने बताया हेमंत जो दसवीं कक्षा का तो दूसरे ने बताया प्रत्यक्ष कुशवाह जो पांचवी कक्षा का छात्र था। दोनों ने बताया कि वे मतदाताओं के नाम सूची में देखकर उन्हें पर्ची बांट रहे हैं, इन बच्चों के पिता यहां से सरपंच पद के प्रत्याशी हैं। इस पर वहां मौजूद लोगों ने कहा कि नेतागिरी और सियासत के गुण ऐसे ही सीखते हैं लोग। आज बच्चे हैं, कल नेता बनेंगे।
कुछ बेहतर हो इस उम्मीद से युवतियों का पहली बार मतदान हांसुआ मतदान केंद्र पर कविता लोधी, पूजा लोधी और सविता लोधी ने तथा अहमदपुर मतदान केंद्र पर संध्या कुशवाह, नेहा लोधी और प्राची कुशवाह ने पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया। नव मतदाता युवतियों ने कहा कि यहां हायरसेकंडरी स्कूल है, लेकिन कॉलेज की पढ़ाई के लिए विदिशा जाना पड़ता है। गांव में गंदगी है, पानी की समस्या है, कई रोड खराब हैं। रोजगार की कमी है। ये व्यवस्थाएं सुधरें, कुछ बेहतर हो इसी उम्मीद से मतदान कर रहे हैं।
एक बार में दो या चार मतपत्र को लेकर गफलत मतदाताओं को पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्यों समेत सभी मतपत्र एक साथ दिए जाएं या पंच-सरपंच के एक बार में और जनपद तथा जिला पंचायत सदस्यों के मतपत्र दूसरी बार में दिए जाएं। इस बात को लेकर मतदान केंदा्रें पर काफी गफलत रही। अहमदपुर में कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी ने मतदानदलों को सभी मतपत्र एक साथ देने की हिदायत दी। जबकि अन्य अधिकांश मतदान केंद्रों बडैय़ाखेड़ी, लश्करपुर आदि पर मतदान कर्मियों ने बताया कि हमें चुनाव प्रशिक्षण में पंच-सरपंच की एक साथ और जनपद-जिला सदस्यों के मतपत्र एक साथ यानी कुल दो बार मतपत्र देने को बताया गया था, हम उसी अनुसार मतपत्र दे रहे हैं।
मतगणना के दौरान शेरपुर में खून खराबा विदिशा ब्लॉक के ग्राम शेरपुर में मौजूदा सरपंच हसीन खां के छोटे भाई जफर खां की पत्नी फरहीन सरपंच पद की प्रत्याशी थी। मतदान पूरा हो चुका था और मतगणना चल रही थी, इसी बीच फरहीन और प्रतिद्वंदी प्रत्याशी शाहबानो बी मौलाना मुजफ्फर के पक्षों में विवाद हो गया। इसमें दोनों पक्षोंं के करीब 12 लोग घायल हुए हैं। सरपंच हसीन खां का आरोप है कि मेरे भाई की बहू मतगणना में आगे चल रही थी, इसी दौरान मौलाना मुजफ्फर की ओर से लोगों ने लाठियों, फर्सों से हमला कर दिया। मतदान केंद्र पर पथराव किया, जिससे हमारे पक्ष के 7-8 लोग घायल हो गए। वहीं दूसरे पक्ष के फरीद खां का आरोप है कि मौजूदा सरपंच हसीन खां फर्जी वोट डलवा रहे थे। इसका विरोध करने पर हम लोगों पर पथराव किया। फरीद का कहना है कि शेरपुर का चुनाव रद्द हो ना चाहिए। वहां चुनाव होना ही नहीं चाहिए नहीं तो ये लोग हमें मार डालेंगे।