विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक समय-समय पर कंपनी के कर्मचारियों द्वारा चैकिंग के दौरान उपभोक्ताओं पर बिजली की चोरी व विद्युत अनियमितताओं के प्रकरण बनाए थे। यह प्रकरण घरेलू बिजली का कामर्शियल उपयोग करने, कम हार्स पावर के कनेक्शन पर अधिक हार्स पावर की मोटर चलाना जैसी स्थितियों व अन्य अनियमितताओं के कारण बने, लेकिन उपभोक्ताओं द्वारा राशि जमा नहीं कराई गई। इससे कई मामले न्यायालय में भी गतिशील है और कई उपभोक्ताओं के खिलाफ वारंट भी जारी हुए।
तीन से पांच वर्ष तक के मामले
विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय के मुताबिक बिजली के यह मामले तीन से पांच वर्ष तक के है। इन प्रकरणों में उपभोक्ताओं से 12 हजार से लेकर 65 हजार रुपए और कुछ मामले इससे भी अधिक राशि के है, लेकिन की राशि जमा न होने की स्थिति में कई मामले न्यायालय में दिए गए और कुछ न्यायालयीन प्रक्रिया में हैं।
विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय के मुताबिक बिजली के यह मामले तीन से पांच वर्ष तक के है। इन प्रकरणों में उपभोक्ताओं से 12 हजार से लेकर 65 हजार रुपए और कुछ मामले इससे भी अधिक राशि के है, लेकिन की राशि जमा न होने की स्थिति में कई मामले न्यायालय में दिए गए और कुछ न्यायालयीन प्रक्रिया में हैं।
विदिशा के हैं 2595 प्रकरण
विदिशा कार्यालय से जुड़े कुल प्रकरणों की संख्या 2595 बताई गई है। इनमें 105 पुराने प्रकरणों में 14 लाख 17 हजार की राशि वसूली जाना है। वहीं बाद के 2 हजार 2486 प्रकरण है प्रीलिटिगेशन के हैं जो अभी न्यायालय में नहीं लगाए गए। इन प्रकरणों में 3 करोड़ 34 लाख 51 हजार की राशि वसूलना है। इस तरह विदिशा अंतर्गत इन सभी प्रकरणों में 3 करोड़ 48 लाख 64 हजार रुपए की वसूली की जाना है। इनमें 90 प्रकरणों में स्थायी वारंट जारी है।
विदिशा कार्यालय से जुड़े कुल प्रकरणों की संख्या 2595 बताई गई है। इनमें 105 पुराने प्रकरणों में 14 लाख 17 हजार की राशि वसूली जाना है। वहीं बाद के 2 हजार 2486 प्रकरण है प्रीलिटिगेशन के हैं जो अभी न्यायालय में नहीं लगाए गए। इन प्रकरणों में 3 करोड़ 34 लाख 51 हजार की राशि वसूलना है। इस तरह विदिशा अंतर्गत इन सभी प्रकरणों में 3 करोड़ 48 लाख 64 हजार रुपए की वसूली की जाना है। इनमें 90 प्रकरणों में स्थायी वारंट जारी है।
सिरोंज व बसौदा में 1505 मामले
वहीं बासौदा व सिरोंज सभाग अंतर्गत इन प्रकरणों की संख्या 1505 बताई गई। इन प्रकरणों में कंपनी को उपभोक्ताओं को 2 करोड़ 56 लाख 37 हजार की राशि वसूल करना है। इनमें 105 प्रकरणों में वारंट जारी है। इन मामले 49 लाख 91 हजार की राशि के वहीं वहीं 1400 मामले प्रीलिटिगेशन के है। यह मामले अभी न्यायालय में नहीं लगे हैं।
वहीं बासौदा व सिरोंज सभाग अंतर्गत इन प्रकरणों की संख्या 1505 बताई गई। इन प्रकरणों में कंपनी को उपभोक्ताओं को 2 करोड़ 56 लाख 37 हजार की राशि वसूल करना है। इनमें 105 प्रकरणों में वारंट जारी है। इन मामले 49 लाख 91 हजार की राशि के वहीं वहीं 1400 मामले प्रीलिटिगेशन के है। यह मामले अभी न्यायालय में नहीं लगे हैं।
लोक अदालत में रखे जाएंगे प्रकरण
विद्युत वितरण कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार यह सभी प्रकरण 9 मार्च को आयोजित नेशनल लोक अदालत में रखे जाएंगे। इसमें न्यायालय में गतिशील है उनमें बिजली चोरी की राशि में 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी। वहीं जो 16 प्रतिशत छह माही चक्रवर्ती ब्याज लगता है उसमें शतप्रतिशत छूट दी मिलेगी। इसी तरह प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में बिजली चोरी राशि में 40 प्रतिशत की छूट एवं 16 प्रतिशत छह माही चक्रवर्ती दर से लगने वाले ब्याज पर छूट मिलेगी।
विद्युत वितरण कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार यह सभी प्रकरण 9 मार्च को आयोजित नेशनल लोक अदालत में रखे जाएंगे। इसमें न्यायालय में गतिशील है उनमें बिजली चोरी की राशि में 25 प्रतिशत छूट दी जाएगी। वहीं जो 16 प्रतिशत छह माही चक्रवर्ती ब्याज लगता है उसमें शतप्रतिशत छूट दी मिलेगी। इसी तरह प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में बिजली चोरी राशि में 40 प्रतिशत की छूट एवं 16 प्रतिशत छह माही चक्रवर्ती दर से लगने वाले ब्याज पर छूट मिलेगी।
यह सभी मामले तीन से पांच वर्ष पुराने है। इन प्रकरणों को लोक अदालत के माध्यम से निराकरण किया जाएगा। इसमें उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी।
-दीपक श्रीवास्तव, विधि प्रकोष्ट प्रभारी, विद्युत वितरण कंपनी
-दीपक श्रीवास्तव, विधि प्रकोष्ट प्रभारी, विद्युत वितरण कंपनी