नगर में संजय सागर बांध से जल आवर्धन योजना का वर्ष 2014 में कार्य शुरू किया गया था। नगर में पानी सप्लाई के लिये टैंक का निर्माण नहरयाई पर हुआ है जहाँ से फिल्टर होकर नगर में पानी सप्लाई होता है। समस्या हल करने के लिए नगर परिषद की 10 करोड़ 22 लाख रुपए लागत वाली जल आवर्धन योजना को राज्य सरकार ने मंजूरी प्रदान की गई है। उक्त योजना को दो वर्ष में पूरा होना था लेकिन निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार होने से सात साल बाद भी पूरे शहर में अब तक नई लाइन से जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। जल आवर्धन योजना में दो पानी की टंकियों का निर्माण कार्य पूरा होकर टंकियों में पानी भर कर एक दो वर्ष पहले टेस्टिंग भी हो चुकी है लेकिन ठेकेदार व अधिकारियों की आपसी खींचतान के चलते नगर वासियों को पीने के लिये पानी नही मिल पा रहा है। दो वर्ष से नगर में जल आवर्धन योजना के ठेकेदार के कर्मचारी जगह जगह गड्ढे खोदकर टेस्टिंग कर रहें हैं। नगर में घटिया क्वालिटी की पाइप लाइन डालने से पानी की सप्लाई शुरू होते ही पूरे नगर में जगह जगह पानी बहने लगता है फिर उसे सुधारने के नाम पर खानापूर्ति में दो मजदूरों द्वारा काम कार्य कराया जाता है जिसमें महीनों गुजर जाते हैं। लेकिन नगर के 1100 नल कनेक्शन में पानी पहुंचाने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। एक सप्ताह पहले बस स्टेण्ड पर टेस्टिंग के दौरान पाइप लाइन फूटने से पूरी सडक़ पर पानी बह गया उसे सुधारने के लिये जल आवर्धन योजना के दो कर्मचारियों ने बाजार की मुख्य डामरीकृत सडक़ को खोदकर एक सप्ताह में पाइप लाइन को सुधारा, दो दिन पानी भी सप्लाई हुआ, और फिर महानीम चौराहे पर मुख्य लाइन में लीकेज होने से पानी बहने लगा, जिसे सुधारने में पूरा हफ्ता गुजर गया है।
जल आवर्धन योजना में जब टेस्टिंग के दौरान ही जगह जगह पाइप लाइन फूट रही है तो पानी सप्लाई में क्या होगा। घटिया पाइप लाइन डलने के कारण नगर को पानी नहीं मिलपा रहा है। कहीं न कहीं इसमें भ्रष्टाचार किया गया है। -आशीष जैन नागरिक
्हमने अपने कर्मचारियंों को भेजकर पाइप लाइन को सुधरवाया है। कम्पनी के दो कर्मचारी चार पांच दिन से लाइन को सुधार रहे थे। ठेकेदार से भी बोला है अब सुचारू रूप से पानी की सप्लाई हो जाएगी।
-रणवीर सिंह राजपूत सीएमओ नगर परिषद शमशाबाद